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________________ ग्रंथांक प्रत नाम (पेटा नंबर), पेटा नाम कृति नाम १०५०१ उत्तराध्ययनसूत्र १०५०२ : उत्तराध्ययनसूत्र १०५०३ : उत्तराध्ययनसूत्र १०५०४ : उत्तराध्ययनसूत्र १०५०५ उत्तराध्ययनसूत्र तथा चारित्रमनोरथमाला (पे. १) उत्तराध्ययनसूत्र (पे. २) चारित्रमनोरथमाला १०५०६ उत्तराध्ययनसूत्र सुखबोधावृत्तिसहित उत्तराध्ययन सूत्र उत्तराध्ययन सूत्र - सुखबोधावृत्ति १०५०७ उत्तराध्ययनसूत्र दीपिका उत्तराध्ययन सूत्र- दीपिकाटीका १०५०८ | उत्तराध्ययनसूत्र अर्थसहित पञ्चपाठ १०५०९ त्रुटक उत्तराध्ययन सूत्र उत्तराध्ययन सूत्र - अर्थ उत्तराध्ययनसूत्र अवचूरि स्थिति कर्ता मध्यम सुधर्मास्वामी श्रेष्ठ सुधर्मास्वामी जीर्ण सुधर्मास्वामी मध्यम सुधर्मास्वामी जीर्ण सुधर्मास्वामी धनेश्वरसूरि मध्यम सुधर्मास्वामी नेमिचन्द्रसूरि मध्यम श्रेष्ठ सुधर्मास्वामी मध्यम पूर्णता भाषा संपूर्ण प्रा. संपूर्ण प्रा. संपूर्ण प्रा. संपूर्ण प्रा. संपूर्ण प्रा. प्रा. सं. संपूर्ण प्रा. सं. प्रा. अपभ्रं संपूर्ण सं. अपूर्ण प्रा. (पाकाहेम) पाटण कागळ प्रतोनो भंडार प्रतिलेखन वर्ष पत्र प्रत प्रकार आदिवाक्य मारुगुर्जर संपूर्ण परिमाण कागज अध्याय ३६ ग्रं. २०९५ कागज अध्याय ३६ ग्रं. २०९५ कागज अध्याय ३६ ग्रं. २०९५ कागज अध्याय ३६ ग्रॅ. २०९५ कागज अध्याय ३६ ग्रं. २०९५ गा. ३० कागज अध्याय ३६ ग्रं. २०९५ ग्रं. १२००० कागज ग्रं. ८६७० कागज अध्याय ३६ ग्रं. २०९५ कागज रचना वर्ष वि.१६मी वि. १५१७ वि. १६मी वि. १६मी वि. १६मी वि. १६मी वि. ११२९ वि. १६मी वि.१६मी वि. १६मी 475 ८९ सञ्जोगाविष्यमुक्कस्य ४७ सञ्जोगाविष्यमुक्कस्य ९३ सञ्जोगाविष्यमुक्कस्य ४९ सञ्जोगाविष्यमुक्कस्य २४ सञ्जोगाविष्यमुक्कस्य २७६ सञ्जोगाविष्यमुक्कस्य प्रणम्य विघ्नसङ्घात १२८ क्लिन / ओरिजिनल डीवीडी (डीवीडी ५३ झे. पत्र (झे. पत्र) कृति प्रकार (८९) संयुक्त प+ग (४८) संयुक्त प+ग (९३) संयुक्त प+ग (५०) संयुक्त प+ग (२४) संयुक्त प+ग पद्य (२७६). संयुक्त प+ग गद्य (१२८) श्रीउत्तराध्ययनस्य गद्य १५३-८२ (१ थी ८२ ) =७१ (५०) सञ्जोगाविष्यमुक्कस्य संयुक्त प+ग गद्य (५३) प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कृति विशेष, पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष ( १०.२४४.५) प्रति पाणीथी भींजायेली छे. (१०.५४४.५) ( १०.२४४.५) ग्रन्थाग्र-२२००. पत्र ३४मुं डबल छे.. (१०.५४४.५) ( १०.२४४.५) (पे. पृ. १-२४) (पे. पृ. १-२४) (१०.५४४.५) (१०.५४४.५) (१०,२४४.५) ( १०.२४४.५)
SR No.018001
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages582
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size38 MB
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