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________________ (पाकाहेम) पाटण कागळ प्रतोनो भंडार प्रतिलेखन वर्ष पत्र स्थिति पूर्णता प्रत प्रकार ग्रंथांकपत नाम (पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम क्लिन/ओरिजिनल डीवीडी (डीवीडी- प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कृति विशेष, पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कर्ता भाषा परिमाण रचना वर्ष आदिवाक्य कति प्रकार योगशास्त्र हेमचन्द्रसूरि अध्याय १२प्रका नमो दुर्वाररागादिवर :१०१५७: योगशास्त्र आद्यप्रकाश युग्म मध्यम प्रतिपूर्ण कागज । वि.१८मी :(१०x४.७) हेमचन्द्रसरि अध्याय १२प्रका योगशास्त्र १०१५८ श्रावकदिनकृत्यप्रकरण श्राद्धदिनकृत्य श्रेष्ठ संपूर्ण कागज वि.१७मी । नमो दुर्वाररागादिवैर. । (१६)...... वीरं नमेउण तिलोयभाणु पद्य गा.३४० ग्रन्थान-३४१..(१०.२४४.५).. गाथा-३३९ थी ३४४ सुधीनी संख्यामां मळे छे. देवेन्द्रसूरि कृतनो ज गाथोद्धार? समान आदिवाक्य? (१०.५४४.५) कागजवि . १७मी :२२ संपूर्ण कागजवि .१/मी (१०.२४४.५)................ श्लोक ३२ धर्माधर्मान्तरं | १०१५९ श्रावकदिनकृत्यप्रकरण अवचूरि श्राद्धदिनकृत्यप्रकरण-अवचुरि १०१६० परमसुखद्वात्रिशिका बालाबोधसहित जीर्ण परमसुखद्वात्रिंशिका जिनप्रभसूरि (आगमिक) परमसुखद्वात्रिंशिका-बालावबोथ सम्यक्त्वसप्ततिका सावरि पञ्चपाठ श्रेष्ठ दर्शनसप्ततिकाप्रकरण हरिभद्रसूरि दर्शनसप्ततिकाप्रकरण-अवचूरि १०१६२ सम्बोधसप्ततिकाप्रकरण बालावबोध :श्रेष्ठ मारुगजर संपूर्ण .......... वि. १७मी. (५).. गा.७० दसणसद्धिपयार पद्य ग्रं.34 संपूर्ण कागज वि. १७मी (१४) (१०.२४४.५) सह :गा.७४ रत्नशेखरसरि : मेरुसुन्दर मारुगर्जर गं. १७२७ पद्य गद्य (१३). पद्य जीर्ण संपूर्ण .........वि. १८मी गा.२२३ धर्मघोषसुरि रत्नशेखरसूरि जीर्ण सम्बोधसप्ततिकाप्रकरण सम्बोधसप्ततिकाप्रकरण-बालावबोध ऋषिमण्डलप्रकरण आदि (पे.9) ऋषिमण्डलप्रकरण (पे.२) सम्बोधसप्ततिकाप्रकरण १०१६४ : पार्श्वनाथचरित्र सक्षिप्त गद्य ... पार्श्वनाथचरित्र सक्षिप्त १०१६५ पार्श्वनाथचरित्र गत दशदृष्टान्त पद्य पार्श्वनाथचरित्रगत दशदृष्टान्त. १०१६६ नाभेयचरित्रस्तोत्र आदि (4.9) नाभेयजिनस्तोत्र गा.७४ पद्य .(१०x४.५. (पे.पू. १-९) पं.वि. : गाथा-२२३.. (प.पू. ९-992 पे.वि. : गाथा-७२. पत्र. ५२९ डबल छे...१०.५४४.५... कागज वि. १७मी (१७) गद्य :कागज मध्यम रलप्रभसूरि (१०.२४४.५) पद्य मध्यम संपर्ण वि. १५६७ ... २४-२(१ थी २)=२२ . श्लोक ९५७... कागजवि . १६मी ४ गा.२० नाभियजिणमुसभ 446 (१०.२४४.५) (प.पू.१-४ जिनवल्लभ
SR No.018001
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages582
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size38 MB
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