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________________ ग्रंथांक स्थिति पूर्णता प्रत नाम (पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम (पाकाहेम) पाटण कागळ प्रतोनो भंडार प्रत प्रकार प्रतिलेखन वर्ष पत्र परिमाण रचना वर्षआदिवाक्य क्लिन/ओरिजिनल डीवीडी (डीवीडी- झे.पत्र/झे.पत्र) कति प्रकार प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कृति विशेष, पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष अकृष्णः आः स्वयम पद्य श्लोक १९ श्लोक ४६ (प.पू.१). (पे.पृ. १-२) पद्य कागज श्लोक ७६ (पे.१) एकाक्षरीनाममाला (पे.२) एकाक्षरीनाममालामातृकाक्षरानुक्रमेण एकाक्षरकाण्ड आदि (2.2) एकाक्षरकाण्ड (पे.२) एकाक्षरीनाममाला ऋषभजिनस्तोत्र आदि (4.9) ऋषभजिनस्तोत्र (पे.२) एकाक्षरीनाममाला :शब्दभेद प्रकाश (१०x४.५) (पे.पू.22. (प.पू.) (१०.२४४.२) श्लोक १५ संपूर्ण कागज :वि. मी श्लोक (प.प. 9 श्लोक १९ कष्णाआः स्वयम (प.प्र.१) (१०.२४४.५) कागज शब्दभेदप्रकाश नाममाला श्लोक १९२ प्रबोधमाधातमशाब्दिक ८७५१ षड्दर्शनसङ्ग्रहसूत्र संपूर्ण कागज वि.१७मी (१०.२४४.५) जाखराज का.३४ संपूर्ण कागज । वि. १४९१ ४४ पत्र २७मुं अने ३३मुं डबल छे.. (१०.५४४.५) सं. ग्रं. ५००० ८७५४ प्रमाणनयतत्त्वालोकालड़कार रत्नाकरावतारिकाटीकासह प्रमाणनयतत्त्वालोकालङ्कार वादिदेवसुरि प्रमाणनयतत्त्वालोकालड़कार रत्नप्रभसूरि रत्नाकरावतारिका टीका नयप्रकाशस्तव स्वोपज्ञटीकासहित....... नयप्रकाशस्तव नयप्रकाशस्तक्-स्वोपज्ञ टीका अस्पृशद्गतिवाद यशोविजयजी गणि ८७८० तर्कदीपिका कागज ........... वि. १८मी..... १५. श्लोक ७४० वि. १६३३ वि. १६७३ वि.१८मी ........... तस्मै नमः श्रीजिनशास :पद्य प्रमाणवाक्यं नयवाक्य पदमसागर ८७६२ संपूर्ण कागज अन्यत्र दुर्लभ ग्रन्थ., (१०x४.२) संपण वि.१६मी (१०x४.५) विश्वनाथाश्रम ८७९.... ईश्वरनिराकरणवादस्थल -संपण वि.१.मी (१०.२४४.५ संपूर्ण वि. मी (१०.५४४.५) ८७९१ जगत्कर्तृईश्वरनिरासवादस्थल जगत्कतईश्वरनिरासवादस्थल
SR No.018001
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages582
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size38 MB
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