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________________ स्थिति ग्रंथांक: प्रत नाम (पेटा नंबर).पेटा नाम कृति नाम (भांता) भांडारकर ईन्स्टिट्युट-पूना भांडारकर ईन्स्टिट्युट-पूना (ताडपत्रीय) पूर्णता प्रत प्रकार प्रतिलेखन वर्ष पत्र क्लिन/ओरिजिनल डीवीडी (डीवीडी- भाषा झे.पत्र/झे.पत्र) परिमाण रचना वर्ष आदिवाक्य प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कृति विशेष, पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कति प्रकार (पे.१४८) वीरजिनदृष्टदशस्वप्नार्थ जेन तालपिसायं पराजिय। गद्य (प.१४९) गौतमवर्णनादण्डक तेणं कालेणं तेर्ण गद्य (पे.पू. १९९९-२०००) पे.वि. : सूचीपत्रांक-१-१४४६. [कृ.वि. : आदिवाक्य का प्रथम अक्षर संदिग्ध है। (पे.पृ. २०००-२००B) [कृ.वि. : अं.बाक्य-अभिमुहे विणएणं पंजलिउडे पज्जुवासमाणे एवं वयासी.] (पे. पृ. २०१०-२०२०) पे.वि. : सूचीपत्रांक-१-१४४३. पय REFEE: अहाकम्मणं भुञ्जमाणे खुहा पिवासासीउण्हें क्षुधातेः शक्तिमान पुरिमन्तिम अठ्ठट्ठ :श्लोक पद्य (पे.पू. २०२०) (पे.पू. २०२९-२०३8 (पे.पृ. २०४०-२०४०) जेणेग पञ्चनवसिरसुनाग गद्य (पे.पृ. २०४B-२०४B) (प.१५०) अष्टादशधा रसवती : भगवतीसूत्र-दण्डक. (पे.१५१) २२परीसह नाम (पे.१५२) साघुलक्षण (पे.१५३) तीर्थव्यवच्छेदाव्यवच्छेदस्वरूप# (पे.१५४) पार्श्वपार्श्वयोः फणसख्यास्वरूप (पे.१५५) कालव्यवहार (पे.१५६) पुद्गलपरावर्त .. (पे.१५७) वनस्पतिविचारप्रज्ञापनागत (पे.१५८) पृथ्वीकायादिविचारगाथा (पे.१५९) सप्रपञ्चपृथ्वीकायादिविचार (पे.१६०) सम्मूछितमनुष्योत्पत्तिस्थान में (पे.१६१) शय्यान्तरविचार :समय आवलिका उच्छवास पोग्गल परियटठाविह पद्य (प.पू. २०४७-२०५७) (प.पू.२०५४) पं.वि. : सूचीपत्रांक-२-१८८. (पे.पृ. -२०७4-२०८) पद्य पुढवीकाउतिविहो सच्चि कोठय पत्तय चम्पय (प.पू. २०८०-२०९४) (पे.पृ. २०१४-२१२६) गद्य कहं भन्ते सम्मुच्छिम : गद्य सागारिओ त्ति का (को) गद्य (पे.पू. २१२४) [कृ.वि. : अं.वाक्य-समग्मेहिं पज्जत्तीहिं अपज्जत्तगा अंतोमुहत्तद्धाओ या चेव कालं करेंति] (पे.पृ. २१३०-२१५०) [कृ.वि. : अं.वाक्य-निमंतिते य भणंति बालादीणं कज्जे प्पिच्छामो अलाघंवद्धारानंतरं इदं द्वारं ज्ञेयमिति. (पे..पू. २१५-२१६०/ पे.वि. : सूचीपत्रांक-१-१४५०. (पे.१६२) भगवतीत्यादि दंडकाः..... : राजपिण्ड आदि विचार (पे.१६३) वसतिविचार (पे.१६४) विनस्पतिविचार :जो मुद्धा अहिसित्तोगर । मूलुत्तरगुणसुद्ध (प.पू. २१६A-२१८) (पे. पृ.२१८A-२२५४) ये.वि. पूर्ण. पत्रांक ६ नहीं है. प्रज्ञापनाया
SR No.018001
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages582
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size38 MB
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