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________________ (पाकाहेम) पाटण कागळ प्रतोनो भंडार प्रत प्रकार प्रतिलेखन वर्ष पत्र ग्रंथांक स्थिति पूर्णता प्रत नाम (पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम क्लिन/ओरिजिनल डीवीडी (डीवीडी- झे.पत्र/झे.पत्र) कृति प्रकार प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कति विशेष, पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष भाषा परिमाण रचना वर्ष आदिवाक्य | आयारमयं वीरं.. साधुश्रावकसामाचारी ७०४४ : विचारसङ्ग्रह प्रा.,सं. संपूर्ण कागज वि. १७४८ (१०x४.२) 1७०४५ पर्युषणाविचार श्रेष्ठ संपूर्ण कागज ....... वि. १७मी (१०.२४४.५) संपूर्ण... कागज ...........वि. १६मी...... मी ३६....... .............(१०.७४४.७) . ७०६०. मुग्धबोधव्याकरण जीर्ण मुग्धबोध व्याकरण बोपदेव :७०६१ मलयगिरिशब्दानुशासन कृवृत्तिपर्यन्त मध्यम संपूर्ण कागज वि. १५२७ श्लोक-४३००. पत्र ६२मुं अने ६३मुं नथी.. (१०.७४४.७) मलयगिरिसूरि मलयगिरिसरि :श्रेष्ठ श्लोकx300 (goig 9 संपूर्ण कागज वि.१८मी 1(१०.५४४.५) मलयगिरिशब्दानुशासन मलयगिरिशब्दानुशासन-वृत्ति बोधप्रदीपपञ्चाशिका तथा सद्बोधचन्द्रोदयपञ्चाशिका (पे.१) बोधप्रदीपपञ्चाशिका (पं.२). सद्बोधचन्द्रोदयपञ्चाशिका . मूलशुद्धिप्रकरण विवरणसहित मूलशुद्धिप्रकरण का.५० चूडोत्तंसितचारुचन्द पद्य योगीन्द्र का. ५० पद्य संपूर्ण वि.१६मी २७५ . (२७५) पद्य (पे.पृ. १-४) [कृ.वि. : काव्य-५१.]. (पे.पू. १-४) १४०-१४१ भेगा छे.. (१०.२४४.५)..... गाथा २१२ थी २६५ सुधी मळे छे. गाथा १०१ अने १०३ पण मळे छे. प्रद्युम्नसूरि गा.२१४ वन्दामि सब्वन्नुजिणि मूलशुद्धिप्रकरण-विवरण : शतपदी । देवचन्द्रसरि :श्रेष्ठ सं............. संपूर्ण ग्रं. १३०००वि . ११४६ कागज वि. १७मी (७०७४ १५२ (१५२) : पत्र २८-२९ भेगा छे./ग्रन्थान-५३४२., (१०.२४४.७ मूलनी ज पुनर्रचना गोठवण आदि. (१०.२४४.५) महेन्द्रसिंहसूरि गं. ५२०० वि. १२९४ :वि.१७मी । त्रिभुवनगृहप्रदीपः । og श्रेष्ठ संपूर्ण कागज :धर्मसागर सं श्लोक२४५ ७१११ वि.१६मी ८३. (८४) शतपदीप्रकरण-वृत्ति गुरुतत्त्वप्रदीप-उत्सूत्रकन्दकुदाल ... गुरुतत्त्वप्रदीप उत्सुत्रकन्दकुदाल. सर्वसिद्धान्तविषमपदपर्याय (पे.१) पञ्चवस्तुकप्रकरण-पर्याय (पे.२) आचारागसूत्र-पर्याय (4.३) सूत्रकृतागसूत्र-पर्याय (पे.४) स्थानाङ्गसूत्र-पर्याय गद्य :(१०.२४५.७) (पे.पू. १-२). (पे.पू. २-३). (पे.पृ. ३-४) (प.पू. ४-५/ गद्य
SR No.018001
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages582
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size38 MB
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