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________________ स्थिति पूर्णता ग्रंथांकप्रत नाम (पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कृति विशेष, पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कर्ता (ये.३४) आगमोद्धारगाथा (पे.३५) गणधरसाद्धेशतकप्रकरण (ये.३६) प्रवचनसन्दोह (पाकाहेम) पाटण कागळ प्रतोनो भंडार प्रत प्रकार प्रतिलेखन वर्ष पत्र क्लिन/ओरिजिनल डीवीडी (डीवीडी- परिमाण रचना वर्ष आदिवाक्य झे.पत्र/झे.पत्र) कृति प्रकार गा.७१ एवं विसिकाला... पद्य गा. १५० गुणमणिरोहणगिरिणोपद्य अध्याय ६ पद नमिऊण वद्धमाणं ववमय पद्य गा.३३४ गा. ५७९ नियट्ठवियअट्ठकम्म पद्य जिनदत्तसूरि (पे.पृ. ६९-७०) (पे.पू. ७०-७३) पे.वि. : गाथा-१५७. (पे.पृ. ७३-७९) (पे.३७) बृहत् सङ्ग्रहणीप्रकरण जिनभद्र गणि क्षमाश्रमण जीर्ण (पे.पृ. ७९-८९) पे.वि. : अन्त भाग अपूर्ण है. [कृ.वि. : गाथा ३६६ थी ३८० वच्चे पण मळे छे.. उत्तराध्ययनसूत्र वृत्तिगत कथा कागज वि. १५२९ :२२ : (२३) .......... ग्रं.२१५० कल्पान्तवाच्य श्रेष्ठ कागज (३४)............... .११.५४४.५. कल्पसत्र-अन्तर्वाच्य प्रा.,सं. संपूर्ण (४३) .......... .१३४४.७) अध्याय १० सम्यग्दर्शनज्ञानचारि. सम्यग्दर्शनशुद्धं :२६८ गद्य संपूर्ण कागज :वि.१५७३ (२६८) ग्रन्थान-१८२८२..(१३४४.५) अध्याय १० (पे.पृ. १-२६८................. तत्वार्थाधिगमसूत्र सह स्वो-(सं) भाष्य : श्रेष्ठ तत्त्वार्थाधिगमसूत्र उमास्वाति तत्वार्थाधिगमसूत्र-भाष्य उमास्वाति तत्त्वार्थाधिगमसूत्र सह स्वो-(सं)भाष्य जीर्ण व टीका (पे.) तत्त्वार्थाधिगमसूत्र :उमास्वाति तत्त्वार्थाधिगमसूत्र-भाष्य उमास्वाति तत्त्वार्थाधिगमसूत्र-स्वोपज्ञभाष्य नी सिद्धसेन टीका (पे.२) तत्त्वार्थाधिगमसूत्र उमास्वाति चन्द्रप्रभस्वामिचरित्र सह बीजक अने : मध्यम पर्याय-सचित्र चन्द्रप्रभस्वामिचरित्र श्लोकगाथाबद्ध देवेन्द्रसूरि सम्यग्दर्शनज्ञानचारि सम्यग्दर्शनशुद्धं वीरं प्रणम्य सर्वज्ञ ग्रं.२२२८२ गद्य वृत्ति भाष्य उपर पण छे. अध्याय १० सम्यग्दर्शनज्ञानचारि संपूर्ण कागज २१३ : (१५४) (प.पू... ग्रन्थान-५७२५. प्रति शुद्ध करेली छे.. (१२.७४४.७) रचना स्थल सोमेश्वरपुर : संपा अध्याय परि.ग्रं. वि. १२६४ दृष्टोपि हष्टजनलोचन पद्य चन्द्रप्रभस्वामिचरित्र-बीजक चन्द्रप्रभस्वामिचरित्र-पर्याय वि. १२६४ वि.१२६४ वि. १४६६ सम्यक्त्वप्रकरण सह वृत्ति आप्य नथी. (१२९) कागळ स्थूल छे, प्रति एक बाजूथी उंदरे करडेली..(१२.५४४.७) सम्यक्त्वप्रकरण चन्द्रप्रभसरि प्रा. पद्य 316
SR No.018001
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages582
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size38 MB
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