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________________ (पाकाहेम) पाटण कागळ प्रतोनो भंडार प्रतिलेखन वर्ष : पत्र स्थिति प्रत प्रकार ग्रंथांकपत नाम (पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम क्लिन/ओरिजिनल डीवीडी (डीवीडी- प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कृति विशेष, पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष परिमाण रचना वर्ष आदिवाक्य कति प्रकार वृत्ति (ये.२) अनुत्तरौपपातिकदशाङ्गसूत्रवृत्ति अभयदेवसूरि ग्रं. १०५ अथानुत्तरौपपातिकदशा : गद्य (प.पृ. ८-99) प्रश्नव्याकरणदशाङ्गसूत्र.. मध्यम कागज वि.१६२७ (३६) अलवरनगरमां लखेली..(१०.५४४.२) प्रश्नव्याकरणसत्र सुधर्मास्वामी ग्रं. १३५० : नमो अरहन्तार्ण जम्ब गद्य प्रश्नव्याकरणदशाडगसुत्र मध्यम कागज वि.१४१६ १९ (२०) गद्य प्रति पाणीमां भीजाएली छे...(१०.२४४.५). प्रश्नव्याकरणसत्र सुधर्मास्वामी ग्रं. १३५० नमो अरहन्ताणं। जम्बु श्रेष्ठ कागज वि.१६०४ (३४) प्रश्नव्याकरणदशाड़गसूत्र प्रश्नव्याकरणसत्र पत्र२३ तथा ३० डबल,२६९ नथी.. (९.७४४.२). गं. १३५० नमो अरहन्तार्ण। जम्ब गद्य सुधर्मास्वामी मध्यम कागज वि.१६०८ (२६) (१०.५४४.५).. प्रश्नव्याकरणदशागसूत्रवृत्ति प्रश्नव्याकरणसूत्र-वृत्ति विपाकसूत्र अभयदेवसरि गं.४६30 मध्यम कागज वि. १६२४ :(४६) समायणादुर्गमां लखेली. /प्रति शुद्ध करेली छे.. (१०.२४४.२) तेणं कालेणं तेणं... सुधर्मास्वामी मध्यम ग्रं. १३१६ कागज विपाकसूत्र सह टीका संपूर्ण ४२ :(४३) त्रिपाठ. /वृद्धिविजये ज्ञानभंडारमा मूकेली.. .(१०:५४४.२). विपाकसुत्र ग्रं. १३१६ ग्रं. ९०० गद्य (६७) कागज तेणं कालेणं तेणं नत्वा श्रीवर्द्धमाना ... :६६ तेणं कालेणं तेणं नत्वा श्रीवर्द्धमाना वि.१६४७ टीका ग्रन्थान-९५०..(१०.२४४.२) विपाकसत्र ग्रं.१३१६ गं. ९०० संपूर्ण :कागज गद्य (४५)..............: (१०.२४४.३) .......... सुधर्मास्वामी विपाकसूत्र-वृत्ति अभयदेवसूरि विपाकसूत्र सटीक जीर्ण सुधर्मास्वामी विपाकसत्र-वत्ति अभयदेवसूरि औपपातिकउपाङ्गसूत्र जीर्ण औपपातिकोपाडगसूत्र सुधर्मास्वामी औपपातिकउपाङ्गसूत्र गुर्जरपर्याय सहित औपपातिकोपाङ्गसूत्र ..............औपपातिकोपाङगसूत्र-पर्याय....... औपपातिकउपाङ्गसूत्रवृत्ति ......... औपपातिकोपाङ्गसूत्र-टीका .......... अभयदेवसूरि ...... गं.११६७ तेणं कालेणं तेणं श्रेष्ठ संपूर्ण कागज ४९ (४९) :(१०.२४४.५) सुधर्मास्वामी गं. ११६७ तेर्ण कालेणं तेणं मारुगर्जर गद्य प्रति शुद्ध करेल छे. ग्रन्थान-३१२५.. (१०.२४४.२). संपूर्ण सं....... कागज ग्रं. ४३०० मानमानम्यगय .
SR No.018001
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages582
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size38 MB
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