SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 312
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ (पुने) मुनिराज श्रीपुण्यविजयजी आदि कृत प्रेस कॉपिओनी झेरोक्ष पूर्णता प्रत प्रकार प्रतिलेखन वर्ष पत्र गंशांक स्थिति प्रत नाम (पेटा नंबर).पेटा नाम कृति नाम कर्ता भाषा परिमाण रचना वर्ष आदिवाक्य क्लिन/ओरिजिनल प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल डीवीडी (डीवीडी- पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष झे.पत्र/झे.पत्र) कति विशेष, पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कति प्रकार ..(१७२). (प. पू.१-१६३) श्रेष्ठ संपूर्ण कागज १७२ विशेषवती आदि (पे.१) विशेषणवती सह टिप्पणी विशेषणवती गा.३४८ ग्रं. उस्सेहडगुलमेगं.... पय जिनभद्र गणि क्षमाश्रमण ५१९ श्लोक १४ पद्य विशेषणवती-टिप्पण (पे.२) श्रावकव्रतभङ्गभेदसङ्ख्या (पे.३) सिद्धपञ्चाशिकाप्रकरण-छाया (पे.४) योगविधानविंशिका (पे.५) केवलज्ञानविशिका (पे.६) सिद्धविभक्तिर्विशिका (पे.७) सिद्धसुख वर्णन श्रीपाल चरित्र उतेसेधाडगुलमिति पद्य प्रणम्य समस्तपरमार्थ पद्य सिद्धं सिद्धार्थसुतं मोक्षेण योजनाद योगः पद्य केवलज्ञानमनन्तं जीव सिद्धानां च विभक्तिः । : पद्य श्लोक२० श्लोक २० (प.पू. १६४-१६५) (पे.पू. १६७) पे.वि. : गाथा-९ तक ही है. (प.पू. १६८-१६९). (पे.पृ. १६९-१७०). (पे.पू. १७0-909) (प.पू. १७२. पद्य श्लोक२० नत्वा त्रिभवनगरूं पद्य ४१९-१ कागज (७४) ज्ञानविमलसूरि वि.१७४५ गद्य रचना स्थल उन्नतपुर सकलकुशलवल्ली सेचने :४१९-२ श्रेष्ठ कागज 30 (30) गा.५ :पय वंशाब्जश्रीकरो हंसो पद्य उपसर्गहरस्तोत्र सह वृत्ति उपसर्गहरस्तोत्र उपसर्गहरस्तोत्र-टीका+कथा शोभनस्तुति सह टीका शोभनस्तुति शोभनस्तुति-टीका भद्रबाहुस्वामी जिनसूर श्रेष्ठ शोभन सौभाग्यसागरसूरि संपूर्ण कागज १०२ .(१०२) का.९६ पद्य भव्याम्भोजविबोधनैक श्रीमज्जिनेन्द्र ग्रं.३१२५ वि. १७७८ गद्य रचनास्थल-स्तम्भतीर्थ. आचार्य ज्ञानविमलसूरि द्वारा संशोधित. श्रेष्ठ संपूर्ण कागज ७५ (७५) यशोविजयजी गणि मारुगजेर दाळ२० श्रीसीमन्धर साहिब ... ४१९-४ : सीमन्धरजिन स्तवन सह बालावबोध सीमन्धरजिन स्तवन सीमन्धरजिन स्तवन-बालावबोध विजयाणन्दसूरीश्वर रास विजयानन्दसरीश्वर रास ज्ञानविमलसूरि मारुगजेर पद्य श्रेष्ठ सपण :कागज ऋद्धिविजय मारुगुजर ढाळ९ गा.१०२ वि.१६९६ सुख विलसे दोगुन्दकपद्य रचनास्थल-विजापर :कागज ३६० आचारागसूत्र सह टीका : आचारागसूत्र १६०) संयुक्त प+ग सधर्मास्वामी ग्रं.२६४४ सुयं मे आउसं तेणं 295
SR No.018001
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages582
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size38 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy