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________________ ग्रंथांक स्थिति प्रत नाम (पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम (पाताहेस) पाटण ताडपत्रीय ज्ञान भंडार हेमचन्द्राचार्य संघभंडार पूर्णता प्रत प्रकार प्रतिलेखन वर्ष पत्र क्लिन/ओरिजिनल प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल डीवीडी (डीवीडी-पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष परिमाण रचना वर्षआदिवाक्य झे.पत्र/झे.पत्र) कृति विशेष, पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कर्ता भाषा कति प्रकार श्रेष्ठ अपूर्ण ताडपत्र ८/१७(१२) सं..... गय क्षमाश्रमण जिनदत्तकथा अपूर्ण जिनदत्तकथा दानविषये. कलापकव्याकरणपञ्जिकोद्योत.... कातन्त्रव्याकरण-वृत्ति नी पञ्जिका नी । त्रिविक्रम भट्ट उद्योतवृत्ति लिङ्गानुशासन वृत्तिसहित आदि। श्रेष्ठ संपर्णताडपत्र ८/१७(२२) .......(जुनो नं. ६२२०३).. गय संपूर्ण ताडपत्र वि. १२७३ ८/१७(१८) (जुनो नं. ६३४८))गायकवाड केटलॉगमा पत्र ८५ आप्या छे.. (११.७४१.५). (पे. पृ. १-४६) वामन (पे.१) वामनीय लिङ्गानुशासन सह (सं.)टीका वामनीय लिड़गानुशासन वामनीय लिङ्गानुशासन-वृत्ति ... (ये.२) धर्माभ्युदय छायानाट्यप्रबन्ध (पे.३) सूक्तमुक्तावली वृत्तरत्नाकर टीकासहित मेघप्रभाचाय :सिद्ध विबधजनेष्टं श्रेयांसं शिवमीश्वरं यः शक्रेण मुदाभिवन्द श्रीवर्द्धमानमभिनौमि १२७ मेघप्रभाचार्य परा श्रेष्ठ ८/१७(३२) (म.पू.19-492 (प.पू. ६८-८५) (जुनो नं. ६२१०२))कर्तानाम जैनाचार्य तरीके सूचीपत्रमा लख्या छे. छन्दोविषयक ग्रन्थ. वृत्तरत्नाकर पद्य वृत्तरत्नाकर-टीका केदार भट्ट त्रिविक्रम भट्ट श्रेष्ठ अपूर्ण ताडपत्र ८/१७(२४) जीतकल्प चूर्णिसहित आदि त्रुटकअपूर्ण (पे.१) जीतकल्पसूत्र सह (प्रा.)चूर्णि जीतकल्पसूत्र (जुनो नं. ७७०९))गायकवाङ केटलॉगमा १०४ पत्रनी आ एकज कृति छे, नवी सूचीमा अहीं नाममा 'आदि शब्दथी शं ग्रहण करवू? (पे. पृ. १-१०४)................. कृ.वि. : हस्तप्रतसूचीओमां जीतकल्प, यतिजीतकल्प अने श्रावकजीतकल्पमा घणी वखत परस्पर अस्पष्टताओ रहेल छे. जिनभद्रगणि :गा. १०५. कयपवयणप्पणामो वोच्छं ! पद्य क्षमाश्रमण १३० : पगयवयण तिया पहाणवय गद्य ग्रं. ११२० वि. १२२७ नत्वा श्रीमन्महावीरं जीतकल्पसूत्र-चूर्णि जीतकल्पसूत्रनी चूर्णी- टिप्पनक...... :श्रीचन्द्रसार (पे.२) अज्ञात कृतिओ विगत नथी बृहत्सडग्रहणी प्रकरण त्रुटक अपूर्ण ... श्रेष्ठ (प.पू. ???) (जुनो नं. ६(१०))गायकवाड केटलॉगमां ताडपत्र ९६-६८(१थी६८)-२८ ८ /१७(३०) 188
SR No.018001
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages582
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size38 MB
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