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ग्रंथांक
स्थिति
प्रत नाम (पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम
कति प्रकार
(पे.१) शान्तिनाथचरित्रमहाकाव्य सह टिप्पण
(पाताहेस) पाटण ताडपत्रीय ज्ञान भंडार हेमचन्द्राचार्य संघभंडार पूर्णता प्रत प्रकार प्रतिलेखन वर्ष पत्र
क्लिन/ओरिजिनल प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल
डीवीडी (डीवीडी-पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष भाषा परिमाण रचना वर्ष आदिवाक्य
कृति विशेष, पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष (पे. पृ. १-१६५अ) पे.वि. : संपूर्ण झेरोक्ष पत्र-9१६२.टिप्पणयुक्त पाठ. प्रत की लिपि सुन्दर व सुवाच्य तथा पदच्छेद, अलंकरण, संधिसूचकादि
लाक्षणिकताओं के साथ.. अध्याय ६प्रस्त: वि. १३०७ श्रेयोरनाकरोद्भूता
पद्य श्लोक १६३३.
शान्तिनाथचरित्र
अजितप्रभसुरि
:वि.930७
शान्तिनाथचरित्र-टिप्पण (पे.२) क्षमापनाश्लोक
श्लोक
हे सभ्याः श्रृणुतः
पद्य
(पे.पृ. १६५आ) पे.वि. : संपूर्ण. झेरोक्ष पत्र-१६११६२. (पे.पृ. १६५आ) पे.वि. : संपूर्ण. झेरोक्ष पत्र-१६१
(पे.३) शान्तिनाथ १२भव नोन्ध
मारुगुर्जर
गद्य
(पे.४) सङ्घाधिपतिपदप्रदानप्रशस्ति
श्लोक १५
विश्वसेनकुलोत्तंसोचि
पद्य
(पे.पृ. १६६वा) पे.वि. : संपूर्ण. झेरोक्ष पत्र-१६३१६६. कृ.वि. : श्रीमाल वंश के रत्न श्रावक की संघपतिपदप्रदान प्रसंग पर.] (पे.पृ. १६६आ) ये.वि. : परचूरन अन्य दूसरे भी संबंधित श्लोक है. झेरोक्ष पत्र-१६५-१६६.. (पे.पृ. १६७आ) पे.वि. : संपूर्ण. झेरोक्ष पत्र-१६५
(पे.५) पोलवालसड़यप्रशस्ति
...पोलवालः कनकगिरि
पद्य
(पे.६) चौरासी आशातनागाथा
गा.४
खेल केलि कला कुललयं
पद्य
(पे.७) व्याख्यानारम्भ मङ्गलश्लोक
श्लोक ११
जनः सुखाभिलाषी
पद्य
(पे.पू. १६८अ-१६८आ) पं.वि.: संपूर्ण. सटिप्पण. झेरोक्षपत्र-१६३-१६६. (पे.पृ. १६८आ) ये.वि. : संपूर्ण. झेरोक्ष पत्र-१६५
(पे.८) व्याख्याने अष्टमङ्गल सविवरण
श्लोक २
दधिचन्दनदुर्वा.
१६६..........
(पे.९) शास्त्रप्रकारविवरण
(पे.पृ. १६९अ-१६९आ) पे.वि. . संपूर्ण. झेरोक्ष पत्र१६४-१६६.. (पे. पृ. १७०-१७०आ) .वि. : पूर्ण. झेरोक्ष पत्र१६७-१७०
(पे.१०) ५६ दिक्कुमारिकृत शुचिकर्म
मारुगजेर
परमेश्वर
छप्पन दिक्कुमारीकृत शुचिकर्म. (पे.११) आवक अतिचार वर्णन उत्तराध्ययनसूत्र आदि
...ताडन बन्धोरज्वादि
:पच
:प्रा.मारुगूर्जर
संपूर्ण
(पे.पू.) पे.वि. : पूर्ण. झेरोक्ष पत्र-१६७-१00... ६/१५(१०८).....। जुनो नं. ६६(२-४)).
कागज
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