SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 10
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १. अपभ्रं २. अभं ३. आदिवा ४. कृ. वि. ५. कृति ६. गा. ७. ग्रं. ८. झे. पत्र ९. डतामुक्ता १०. डी.वी.डी. ११. डीवीडी ओरिजिनल अपभ्रंश अज्ञात भंडार आदि वाक्य कृति विशेष १४. तालाद १५. पाकाभा १६. पाकाम संकेत सूची व्यक्ति, स्थान, वस्तु, प्रसंग आदि को लक्ष्य में रखकर स्वकथ्य अथवा अपने मनोभाव को रचनात्मक शैली में प्रस्तुत की जानेवाली वस्तु को कृति अथवा रचना कहते है। रचना का क्षेत्र वटवृक्षवत् विशाल होता है। अर्थात् विद्वान जीवन में उपयुक्त विविध क्षेत्रों की कार्यप्रणाली, सैद्धान्तिक व्यवस्था तथा अपने वैचारिक दृष्टिकोण को जीवंत रखने हेतु आलेखन करते है। उसकी विविध शाखाये होती है। मूल तौर पर तथा मूलगत विषय को सुस्पष्ट करने की रचनात्मक क्रिया भी कृति कहलाती है। यह गद्य /पद्य/चम्पू/नाटक आदि रूपमें होती है। टीका, व्याख्या, अनुवाद, कथा, टबार्थ, बालावबोध आदि विविध कृति प्रकार इसके अंदर समाविष्ट है। गाथा ग्रंथाग्र झेरोक्ष (फोटोस्टेट) पत्र संख्या (डभोई) ताडपत्रीय मुक्ताबाई जैन ज्ञानमंदिर के ग्रंथ डीवीडी का अनुक्रम नंबर इस डीवीडी में मूल ताडपत्रीय या कागजीय ग्रंथ की जैसी स्थिति है वैसे हि प्रतिबिंबित कीया गया है। इसमें कोई कोई ग्रंथ के पन्ने धब्बे आदि वाले होने से उनकी तस्वीरे साफ पढने लायक नहीं भी हो ऐसा संभव है। फिर भी उसे डीवीडी में सुरक्षित रखा गया है जिससे जिज्ञासु मूल चित्र देखकर अपनी शंका का निराकरण कर सकता है। डीवीडी ओरिजिनल याने उस डीवीडी का अनुक्रम क्रमांक । १२. डीवीडी क्लिन / ओरिजिनल इस कॉलम में पहले छपा नंबर क्लीन डीवीडी का है तथा बादमें छपा नंबर ओरिजिनल डीवीडी का है तथा उसके बाद छपा नंबर झेरोक्ष (फोटोकॉपी) के पत्रों की कूल संख्या का है १३. डीवीडी क्लीन मूल ताडपत्रीय या कागजीय ग्रंथ धब्बे वाले हो या तो जिसके मूल में धब्बे आदि के कारण अक्षर साफ पढने लायक नहीं दीखते हो उन्हें स्केन करके कोम्प्यूटरीय तकनीक द्वारा धब्बे आदि साफ कर अक्षरों को पढने लायक साफ किया गया हो उसका प्रतिबिंब (इमेज) जिस डीवीडी में लिया गया हो उस डीवीडी का अनुक्रम नंबर इसमें कभी कभी अक्षर को साफ करते समय संभव है की किसी जगह का अक्षर अनुस्वार काना मात्रा आदि भी मिट गये हो इसलिये ऐसे पन्नों में जहाँ शंका पडे वहां उसी पन्ने का ओरीजिनल में प्रतिबिंब देख लेना चाहिए। डीवीडी क्लिन याने डीवीडी का अनुक्रम क्रमांक । ताडपत्रीय लालभाई दलपतभाई विद्यामंदिर (अमदावाद) के ग्रंथ पाटण कागजीय भाभा के पाडा का भंडार पाटण कागजीय हेमचंद्राचार्य जैन ज्ञानभंडार
SR No.018001
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages582
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size38 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy