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________________ परिसा 654 - अभिधानराजेन्द्रः - भाग 5 परिसा शनिबन्धनमुक्तम् / संप्रत्येतदेवोसंहरन्नाह-(से तेणखूणमित्यादि) पाठसिद्धम्। यानि तु 'समिया चण्डा जाता' इति नामानि तानि कारणान्तरनिबन्धतानि कारणान्तरं च ग्रन्थादवसातव्यम्। अत्र संग्रणिगाथा"चउवीसहाऽवीसा बत्तीससहरस देव चमरस्स। अधुट्टा तिन्नि तहा, आड्डाइज्जा य देविसया।।१।। अड्डाइजा दोन्नि दि-वड्वपलियं कमेण देवतिई। पलिअंदिवड्डमेगं, आद्धा देवीण परिसासु // 2 // " बल्यादीनाम्बलिस्स णं भंते! वइरोयणरन्नो कइ परिसाओ पन्नत्ताओ? गोयमा ! दिण्णि परिसाओ पण्णत्ताओ तं जहा-समिया, चंडा, | जाया। अभिंतरिया समिया, मज्झिमिया चंडा, बाहिरिया जाया / बलिस्सणं वइरोयणिंदस्स वइरोयणरन्नो अडिमंतरियाए परिसाए कइ देवसहस्सा? मज्झिमियाए परिसाए कइ देवसहस्सा० जाव बाहिरियाए परिसाए कइ देविसया पण्णत्ता? गोयमा बलिस्सणं वइरोयणिंदस्स अभिंतरियाएपरिसाए वीसं देवसहस्सा पन्नत्ता, मज्झिमियाए परिसाए चउवीसं देवसहस्सा पन्नत्ता, बाहिरियाए परिसाए अट्ठावीसं देवसहस्सा पन्नत्ता, अभिंतरियाए परिसाए अट्ठपंचमा देविसया पन्नत्ता, मज्झिमियाए परिसाए चत्तारिदेविसया पन्नत्ता, बाहिरियाए परिसाए अट्ठदेविसया पन्नत्ता। बल्यादीनां स्थितिःबलिस्स ट्ठिए पुच्छा? जाव वाहिरियाए परिसाए देवाणं केवइयं कालं ठिई पण्णता? गोयमा ! बलिस्स बइरोयणिंदस्स अभितरियाए परिसाए देवाणं अट्ठपलिओवमाइं ठिई पन्नत्ता० मज्झिमाए परिसाए तिन्नि पलिओवमाइं ठिई पन्नत्ता, बाहिरियाए परिसाए अड्डाइजाइं पलिओवमाई ठिई पन्नता, अभिंतरियाए परिसाए देवाणं अड्डाइजाइंपलिओवमाइं ठिई पन्नता० मज्झिमियाए परिसाए देवीणं दोपलिओवमाई ठिई पन्नता, बाहिरियाए परिसाए देवीणं दिवढे पलिओवमं ठिई पन्नत्ता, सेसं जहा चमरस्स असुरिंदस्स असुरकुमाररन्नो। धरणाऽऽदीनाम्धरणस्स णं भंते! नागकुमारिंदस्स नागकुमारन्नो कइ परिसाओ पण्णताओ? गोयमा ! तिन्नि परिसाओ ताओ चेव जहा चमरस्स / धरणस्स णं नागकुमारिंदस्स नागकुमाररन्नो अभिंतरियाएपरिसाए सर्द्धि देवसहस्सा पण्णत्ता,मज्झिमियाए सत्तरि देवसहस्सा पण्णत्ता, बाहिरियाए असीतिं देवसहस्सा पण्णत्ता, अभिंतरपरिसाए पन्नत्तरं देविसय पन्नत्तं, मज्झिमियाए परिसाए पन्नासं देविसयं पन्नतं, बाहिरियाए परिसाए पणवीसं देविसयं पन्नत्तं / / "महिड्डीए जाव पभासेमाणे से णं तत्थ वायालीसाए भवणावा- 1 ससयसहस्सा छण्हं सामाणियसाहस्सीणं वावत्तीसाए तावत्तीसगाणं चउण्हं लोगपालाणं छाहं अग्महिसीण सपरिवाराणं तिण्हं परिसाण सतह अशिणया० हिवईण चउवीसाए आयरक्खदेवसाहस्सोण अण्णसिं च बहूगा दाहिल्ला नागकुमाराणं देवाणं देवणिय आहेवच जाव विहरतीति पाठसिद्धम्। स्थितिः-- धरणस्सणं रन्नो अभिंतरियाए परिसाए देवाणं केवई कालं ठिई पण्णता? मज्झिमियाए परिसाए देवाणं केवईयं कालं ठिई पण्णत्ता? बाहिरियाए परिसाए देवाणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता? अभिंतरियाए परिसाए देवीणं केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता? मज्झिमियाए परिसाए देवीणं केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता? बाहिरियाए परिसाए देवीणं केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता? गोयमा ! धरणस्स रन्नो अभिंतरियाए परिसाए देवाणं साइरेगं अद्धपलिओवर्म ठिई पन्नत्ता, मज्झिमियाए परिसाए देवाणं अद्धपलिओवमं ठिई पन्नता बाहिरियाए परिसाए देवाणं देसूणं अद्धपलिओवमं ठिई पन्नत्ता, अभितरियाए परिसाए देवीणं देसूणं अद्धपलिओवमं ठिई पन्नत्ता, मज्झिमियाए परिसाए देवीणं साइरेग चउब्भागपलिओवमं ठिई पन्नत्ता, बाहिरियाए परिसाए देवीणं चउभागपलिओवमं ठिई पन्नत्ता, अट्ठो जहा चमरस्स। भूतानन्दस्यभूयाणंदस्स णं भंते ! नागकुमारस्स रन्नो अभिंतरिया ये परिसाए कइ देवसाहस्सियाओ पन्नत्ताओ? मज्झिमाए परिसाए कइ देवसाहस्सीओ पन्नत्ताओ? बाहिरियाए परिसाए कई देवसाहस्सीओ पण्णत्ताओ? अभिंतरियाए परिसाए कइ देवीसया पन्नत्ता? मज्झिमाए परिसाए कइ देवीसया पन्नत्ता?, बाहिरियाए परिसाए कइ देवीसया पन्नत्ता? गोयमा! भूयाणंदस्स णं नागकुमारन्नो अभिंतरियाएपरिसाए पन्नासं देवसहस्सीओ पन्नत्ताओ०मज्झिमियाएपरिसाए सट्ठिदेवसाहस्सीओपन्नत्ताओ, बाहिरियाए परिसाए सत्तरि देवसाहस्सीओ पन्नत्ताओ, अभिंतरियाए परिसाए दोपणवीसा देविसया पण्णत्ता, मज्झिमियाए परिसाए दो देविसया पण्णत्ता, मज्झिमियाए परिसाए दो देविसया पन्नत्ता, बाहिरियाए परिसाए पण्णत्तरदेविसयं पन्नत्तं। स्थितिःभूयाणंदस्स णं भंते! नागकु मारिंदस्स नागकु मारनो अभिंतरियाए परिसाए देवाणं के वइयं कालं ठिई पन्नत्ता? मज्झिमाए परिसाए देवाणं के वइयं कालं ठिई पन्नत्ता? बाहिरियाए परिसाए देवाणं के वइयं कालं ठिई पन्नत्ता? अभिंतरियाए परिसाए देवीणं के वइयं कालं ठिई पन्नत्ता? मज्झिमियाए परिसाए देवीणं के वइयं कालं ठिई पन्नत्ता? बाहिरियाए परिसाए देवीणं के वइयं कालं ठिई पन्नत्ता?
SR No.016147
Book TitleAbhidhan Rajendra Kosh Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijayrajendrasuri
PublisherRajendrasuri Shatabdi Shodh Samsthan
Publication Year2014
Total Pages1636
LanguageHindi
ClassificationDictionary
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