SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 178
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ (170) [प्राकृत] अभियानराजेन्द्रपरिशिष्टम् / / [शब्दखपावलिः // अथ नपुंसकलिङ्गशब्दाः॥ अकारान्तो नपुंसकलिङ्गो मङ्गलशब्दः / विभक्ति एकवचन। बहुवचन / प्रथमा मंगल ( "क्लीबे स्वरान्म सेः"1८।३२५।।)। मंगलाणि, मंगलाई, मंगलाइँ ("जस्शस ई-ई-णयः सप्रागदीर्घाः" // 326 // ) / द्वितीया मंगलं। मंगलाणि, मंगलाई, मंगलाई। शेषं 'वच्छ' शब्दवत् ("नामन्त्र्यात्सौ मः" / / 8337 // ) / इकारान्तो नपुंसकलिङ्गो वारिशब्दः / विभक्ति, एकवचन। बहुवचन / प्रथमा दहि, दहि, दहिँ (दहि इति सिद्धापेक्षया। केचिदनु- दहीई, दही, दहीणि / नासिकमपीच्छन्ति दहि।)। दहीइं, दहीइँ दहीणि। शेष पुम्वत्। द्वितीया दहिं। विभक्ति, एकवचना प्रथमा महुं, महु, महुँ। द्वितीया महुं। उकारान्तो नपुंसकलिङ्गो मधुशब्दः / बहुवचन / महूई, महू', महूणि। महूई, महू', महूणि। शेष 'गुरु' शब्दवत्। विभक्ति, प्रथमा द्वितीया एकवचन। ज। यच्छब्दरूपाणि। बहुवचन। जाणि, जाई, जाइँ। जाणि, जाई,जाई। शेषं पुम्वत्। एवं तच्छब्दरूपाणि ज्ञेयानि। विभक्ति, एकवचन। प्रथमा एस, इणं, इणमो, एअं। द्वितीया एअं। एतच्छब्दरूपाणि। बहुवचन। एआणि, एआई, एआईं। एआणि, एआई, एआईं। शेष पुम्वत्। विभक्ति प्रथमा इदंशब्दरूपाणि / एकवचन। बहुवचन। इदं, इणं, इणमो ("क्लीबे स्यमेदमिणमोच" इमाणि, इमाइँ, इमाई। // 8 / 376 / / इति स्यम्भ्यां सहितस्य इदम् इणमो इणम् आदेशाः।)। इदं, इणं, इणमो। इमाणि, इमाइँ, इमाई। शेषं पुम्वत्। द्वितीया विभक्ति, प्रथमा अदः शब्दरूपाणि। एकवचन। बहुवचन। अह, अमुं("वाऽदसो दस्य हो नोदाम्" // 8387 / / अमूणि, अमूई, अमू.। "मुः स्यादौ" 58388
SR No.016143
Book TitleAbhidhan Rajendra Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijayrajendrasuri
PublisherRajendrasuri Shatabdi Shodh Samsthan
Publication Year2014
Total Pages1078
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy