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________________ पाली 501 पाहुर पाली-II (स्त्री०) तीतर, बटेर आदि लड़ाने की जगह पाश्चात्यीकरण-सं० (पु०) देश-जाति को पाश्चात्य ढंग का णाली-III (वि०) = पैदल बनाना पाली-IV (स्त्री०) 1 श्रमिकों के एक दल के लिए बँधा हुआ | पाषंड-सं० (पु०) 1 छलयुक्त धार्मिक कृत्य, ढोंग 2 वेद काम करने का समय 2 खेलों में खिलाड़ियों के दल का पहली विरुद्ध कार्य बार खेलना, पारी पाषंडी-सं० (वि०) 1 वेद विरुद्ध आचरण करनेवाला 2 धर्म पाल-(वि० = पालतू (जैसे-यह मेरा पालू कुत्ता है) के नाम पर छल करनेवाला, ढोंगी पालोंवाला-(वि०) = पालवाला पाषाण-I सं० (पु०) पत्थर, शिला II (वि०) निर्दय, कठोर पाल्य-सं० (वि०) पालन के योग्य (जैसे-पाषाण हृदयवाला)। ~प्रतिमा, मूर्ति (स्त्री०) पाँव- (पु०) = पाँव पत्थर की मूर्ति; ~युग (पु०) पत्थर काल; ~लेख (पु०) पाव-(पु०) 1 तौल में एक सेर का चौथाई भाग, चार छटाँक | पत्थर पर खुदा लेखहदय (वि०) क्रूर हृदयवाला, निर्दय 2 सेर के चौथाई भाग का बटखरा 3 पदार्थ आदि का चौथाई | पाषाणमय-सं० (वि०) अत्यंत कठोर, निष्ठर अंश पाषाणी-I सं० (स्त्री०) पत्थर का बटखरा II (वि०) कठोर पावक-1 सं० (वि०) पवित्र करनेवाला II (पु०) आग, अग्नि | हृदयवाली पावती-(स्त्री०) 1 वस्तु के पहँचने की लिखित सूचना, प्राप्ति पाषाणीय-सं० (वि०) 1 जो पाषाण का बना हो 2 जिसका की स्वीकृति 2 दी जानेवाली पक्की रसीद। पत्र सं० (पु०) हृदय अति कठोर हो, निर्दय पैसे का भुगतान करने पर मिलने वाली रसीद गसंग-फा० (पु०) 1 तराजू के दोनों पल्लों पर बिना कोई पावदान-फा० (पु०) 1 पाँव रखने का स्थान (जैसे-रेलगाड़ी वजन रखे होनेवाला सूक्ष्म अंतर, पसंगा 2 दोनों पल्लों के इस के पावदान पर मत खड़े होना) 2 पैर पोंछने के लिए जटा, सन सूक्ष्म अंतर को दूर करने हेतु अंतर युक्त पल्ले के विपरीत आदि का बनाया गया चौकोर टुकड़ा पल्ले में बाँधा गया पत्थर आदि का छोटा टुकड़ा। ~भी न पावन-[ सं० (वि०) 1 पवित्र, शुद्ध 2 पवित्र करनेवाला होना मुकाबले में कुछ भी न होना (जैसे-साधुओं का हृदय पतित पावन होता है) II (प०) | पास-I (पु०) = पाश पावक अग्नि, पावकाग्नि। ता (स्त्री०) पवित्रता पास-II (क्रि० वि०) 1 निकट, समीप 2 अधिकार में पावना-I (पु०) 1 प्राप्त किया जानेवाला अधिकार 2 प्राप्त (जैसे-मेरे पास दस गाएँ हैं) III (प्०) निकटता, सामीप्य; किया जानेवाला धन II (स० क्रि०) प्राप्त करना, पाना पड़ोस (पु०) आसपास रहनेवाला व्यक्ति; ~पास अ० पावनेदार-हिं० + फ़ा० (पु०) पानेवाला व्यक्ति एक-दूसरे के निकट पावर-अं० (पु०) 1 यंत्र चालक शक्ति (जैसे-विद्युत पावर का पास-IV अं० पार पत्र, पारक (जैसे-रेलगाड़ी का पास साथ उपयोग बढ़ता जा रहा है) 2 अधिकार 3 शक्ति 4 सैन्यबल लेना मत भूलना) V (वि०) 1 उत्तीर्ण (जैसे-वह इण्टर की 5 शासनिक शक्ति। ~गृह सं०, ~प्लांट (पु०) वह स्थान ! परीक्षा पास कर गया) 2 आगे बढ़ने योग्य (जैसे-संसद ने जहाँ वितरण हेतु विद्युत तैयार की जाती है; ~सप्लाई दहेज संबंधी कानून पास कर दिया) (स्त्री०)विद्युत वितरण; ~स्टेशन हाउस (पु०) = पावर गृह पास-VI अं० (पु०) स्वीकृत किया गया, माना गया पावरोटी-(स्त्री०) डबल रोटी (जैसे-कर्मचारी का वेतन-भत्ता पास कर दिया गया) पावस-(स्त्री०) 1 वर्षा काल, बरसात (जैसे-पावस ऋतु में पासपोर्ट-अं० (पु०) अनुमति पत्र, पार पत्र आना-जाना असंभव है) 2 वर्षा, वृष्टि पासबान-फा० (पु०) पहरा देनेवाला व्यक्ति, द्वारपाल पाश-सं० (पु०) 1 वह वस्तु जिसमें कोई वस्तु आदि फँसाई जा पासबानी-फ़ा० (स्त्री०) 1 द्वारपाल का पद एवं काम सके 2 रस्सी से बनाया गया घेरा 3 बंधन (जैसे-वह नाग पाश 2 पहरेदारी से मुक्त नहीं हो सका) II (पु०) खंड, टुकड़ा पासबुक-अं० (स्त्री०) = लेखा पुस्तिका पाशन-सं० (पु०) 1 रस्सी 2 बंधन पासशुदा-अं० +फ़ा० (वि०) जिसके पास अनुमति पत्र हो पाशव-[सं० 1 पशु संबंधी, पशुओं का 2 पशुओं की तरह पासा-(पु०) चौपड़ का खेल, चौसर का खेल। पड़ना जीत का, पशुओं का सा II (पु०) पशुओं का झुंड। -ता __का दाँव पड़ना; ~पलटना चौसर में हार-जीत का दाँव पड़ना; (स्त्री०) = पशुता फेंकना भाग्य की परीक्षा करना, किस्मत की आजमाइश पाशविक-सं० (वि०) पशुवत् आचरण करनेवाला; ता | करना (स्त्री०) पशुवत् आचरण पासी-I (पु०) 1 सूअर पालने आदि का पेशा करनेवाली एक पाशांत-सं० (पु०) सिले हए कपड़े का पीछेवाला भाग जाति 2 बहेलिया पाशित-सं० (वि०) पाशबद्ध पासी-II (स्त्री०) 1 पिछाड़ी 2 घास बाँधने की रस्सी की जाली पाशुपत-[सं० (वि०) 1 पशुपति संबंधी 2 पशुपति का, शिव | पाहन-बो० (पु०) पत्थर का II (पु०) शिव के उपासक, शैव पाहि-सं० (क्रि० वि०) रक्षा करो, बचाओ। ~माम् (क्रि० पाशुपतास्त्र-सं० (पु०) शिव का अस्त्र वि०) मेरी रक्षा करो, त्राहिमाम् पाश्चात्य-सं० (वि०) 1 पीछे का, पिछला 2 पश्चिमी देशों का पाना-(पु०) 1 अतिथि, मेहमान 2 दामाद (जैसे-पाश्चात्य दर्शन में अरस्तू का विशेष योगदान रहा है)| पाहुनी-(स्त्री०) 1 मेहमानदारी 2 रखेली स्त्री 3 पश्चिम दिशा का | पाहुर-बो० (पु०) 1 बैना, बापन 2 भेंट, नज़र
SR No.016141
Book TitleShiksharthi Hindi Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHardev Bahri
PublisherRajpal and Sons
Publication Year1990
Total Pages954
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size30 MB
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