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उँह
उह-अ० अस्वीकार, घृणा, वेदना आदि का सूचक शब्द उऋण - (वि०) कर्ज़ से मुक्त
पुरान (पु० ) गड़े मुर्दे उखाड़ना,
उकचना - (अ० क्रि०) 1 उखड़ना 2 उचड़ना 3 हट जाना उकटना - (स० क्रि०) उघटना उकटा - (वि०) उघटा । पुरानी बातों को उघटना उकठना - (अ० क्रि०) 1 सूखकर ऐठा जाना, उखड़ना 2 शुष्क, सूखा
उकठा - (वि०) 1 सूखकर ऐठा हुआ 2 शुष्क, सूखा उकडू-(पु० ) बैठने का एक ढंग जिसमें घुटने मोड़कर छाती को स्पर्श करें
उकताना - (अ० क्रि०) ऊबना, अधीर होना उकताहट - (स्त्री०) अधीरता, जल्दबाजी
उकलना - ( अ० क्रि०) 1 उघड़ना 2 उखड़ना 3 लपेट खुलना उकलाई - (स्त्री०) 1 उलटी, कै 2 मिचली
उकलाना - (अ० क्रि०) उलटी करना, उगलना उकवत, उकवथ - ( पु० ) एक प्रकार का चर्म रोग, दाद उकसना - ( अ० क्रि०) 1 उभरना 2 अंकुरित होना उकसाना - (स० क्रि०) 1 उभारना 2 भड़काना 3 उठाना 4 हटाना उकसाव - (पु० ) 1 उभार 2 उत्साह 3 उत्तेजना । (वि०) उत्साहपूर्ण
-भरा
उकसावा - (पु० ) उकसावभरा
= उकसाव । ~ भरा (वि०)
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=
उकसाहट - (स्त्री०)
= उकसाव, उत्तेजना
उकाब - अ० ( पु० ) 1 गरुड़ 2 बड़ी जाति का गिद्ध उकार-सं० (पु० ) 'उ' स्वर
उकारांत - सं० (वि०) जिसके अंत में 'उ' हो (जैसे-जंतु, लघु) उकीरना - (स० क्रि०) 1 उखाड़ना 2 खोदना
उकेरना - ( पु० ) 1 नक्काशी करना 2 बेल बूटे खोदना उकेरी - (स्त्री०) 1 नक्काशी 2 बेल बूटे
उकेलना (स० क्रि०) 1 उधेड़ना 2 उचाड़ना 3 तह खोलना उकौना - (पु० ) 1 गर्भावस्था में होनेवाली इच्छाएँ 2 दोहद उक्त-सं० (वि०) कहा हुआ, कथित । प्रत्युक्त (पु० ) प्रश्नोत्तर, कथोपकथन; ~ लेखन (पु० ) कही हुई बात को लिखना
उक्ति-सं० (स्त्री०) 1 कथन 2 वाक्य 3 कवित्वमय वचन, पद्य । युक्ति (स्त्री०) बताई, सुझाई गई तरक़ीब; ~ वैचित्र (पु० ) अभिव्यक्ति का चमत्कार - वैशिष्ट्य (पु० ) अभिव्यक्ति की विशेषता
उक्थ-सं० ( पु० ) 1 कथन 2 सूक्ति 3 एक यज्ञ 4 स्तोत्र पाठ उक्षण-सं० (पु० ) 1 जल छिड़कना 2 तर करना उक्षित - सं० (वि०) 1 सींचा हुआ 2 भिगोया हुआ उखटना - I (स० क्रि०) 1 खोंटना 2 कुतरना II (अ० क्रि०) लड़खड़ाना
उचटाना
उखड़ा - (वि०) उखड़ा हुआ। पुखड़ा (पु० ) अस्त-व्यस्त उखाड़ - (स्त्री०) 1 उखाड़ने की क्रिया 2 पेंच की काट 3 दलील की काट | पछाड़ (स्त्री०) 1 उलट-पलट 2 दाँव-पेंच उखाड़ना - (स० क्रि०) 1 गड़ी, जमी बैठाई हुई चीज़ को अपनी जगह से हटा देना 2 ऊपर लाना 3 तितर-बितर करना 4 प्रभाव न जमने देना 5 भगाना 6 नष्ट करना उखाडू - (वि०) उखाड़नेवाला
उखालिया - व्रत आरंभ करने से पहले रात में किया जानेवाला अल्पहार, सरगही (सरघी)
उखड़ना - (स० क्रि०) उखाड़ना
उगना - (अ० क्रि०) 1 उदय होना 2 अँखुआ फेंकना 3 उपजना उगलना - (स० क्रि०) 1 पेट की चीज मुँह से निकाल देना
2 छिपी हुई बात या वस्तु को प्रकट करना 3 अपराध स्वीकार कर लेना 4 बाहर निकालना उगलवाना, उगलाना - (स० क्रि०) उगलने में प्रवृत्त करना उगाना - (स० क्रि०) 1 उपजाना 2 उठाना 3 उदय करना उगाल - ( पु० ) 1 थूक, खखार 2 पीक । दान + फ़ा० (पु० ) थूकने का बर्तन, पीकदान
उगाला - (पु० ) फ़सल को नुकसान पहुँचानेवाला एक कीड़ा उगाहना - (स० क्रि०) 1 लोगों से लेकर इकट्ठा करना 2 चंदा करना 3 वसूल करना
उखड़ना - ( अ० क्रि०) 1 अपनी जगह से हटना 2 टूटना 3 उपटना 4 तितर-बितर होना । उखड़ी उखड़ी बातें करना 1 उदासीन या खिन्न होकर बातें करना 2 झुंझलाकर बिना सोचे समझे बातें कहना; उखड़ी - पुखड़ी सुनाना अंड बंड, अनाप-शनाप सुनाना
उगाही - (स्त्री०) 1 वसूली 2 चंदा 3 लगान
उप्र - I सं० (वि०) 1 भयानक 2 तीव्र 3 क्रूर 4 हिस्र 5 तेज़ II (पु० ) 1 रुद्र 2 सूर्य; सं० उग्रता ~दली (वि०) उग्र दल का; नीति (स्त्री०) भयानक नीति, पंथी (वि०) उग्रदळी: ~ राष्ट्रवाद राष्ट्रवाद जो निरंकुशता प्रधान हो और जिसमें उग्रनीतियों की मान्यता हो; राष्ट्रवादी उन राष्ट्रवाद का समर्थक वाद (पु० ) भयानक विध्वंसकारी मार्ग का रूप; ~वादी उग्रवाद को मान्यता देनेवाला उघटना - (स० क्रि०) 1 कोसना 2 किसी पर अपने उपकार एवं उसके अपकारों को पुनः कहना, उकटना
उघटा - (वि०) उबटनेवाला। पुरान (पु० ) उकटा पुरान उघड़ना - ( अ० क्रि०) 1 खुलना 2 प्रकट होना 3 नंगा हो" 4 भंडाफोड़ होना । उघड़कर नाचना मान मर्यादा का ि त्याग कर मनमानी करना, निंदनीय आचरण करन उघरारा - (वि०) 1 जो ढँका न नंगा उघाड़ना - (स० क्रि०) 1 खोलना 2 अनावृत करना 3 पर्दाफ़ा करना, भेद खोलना
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उघाड़ना
उघाड़ा - (वि०) 1 खोला हुआ 2 अनावृत, नंगा उघारना - (स० क्रि०) उचकन - ( पु० ) वस्तु को ऊँचा करने के लिए अधार उचकना - 1 (अ० क्रि०) एड़ी के सहारे ऊपर उ. "{ भगा ले जाना
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उचकाना - (स० क्रि०) ऊपर उठाना, उभारना उचक्का - (पु० ) चीज़ उठाकर भाग जानेवाला, चाईं उचटना - ( अ० क्रि०) 1 उचड़ना 2 अलग होना 3 मन का न लगना, विरक्त होना उचटी हुई दृष्टि डालना विरक्त भाव से देखना
उचटाना - (स० क्रि०) 1 अलग करना 2 विरक्त करना 3 बिचकाना