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________________ श्रीमद्भागवतपुराण] (५८८ ) [श्रीमद्भागवतपुराणे महाभारत युद्ध की कथा तथा अश्वत्थामा द्वारा द्रौपदी के पांच पुत्रों के सिर काटने की कहानी, भीष्म का देहत्याग, परीक्षित जन्म, यादवों का संहार, श्रीकृष्ण का परमधाम गमन, परीक्षित की दिग्विजय तथा उनकी मृत्यु । द्वितीय स्कन्ध-शुकदेव द्वारा भगवान् के विराट रूप का वर्णन, विभिन्न कामनाओं की सिद्धि के लिए विभिन्न देवताओं की उपासना का विधान, कच्छप एवं नृसिंहावतार की कथा, भगवद्भक्ति के प्राधान्य का निरूपण, सृष्टि-विषयक प्रश्न और शुकदेव जी द्वारा कथा का प्रारम्भ, सृष्टि-वर्णन, ब्रह्माजी द्वारा भगवद्धाम दर्शन तथा भगवान् द्वारा उन्हें चतुःश्लोकी भागवत का उपदेश, भागवत के दस लक्षणों का वर्णन । तृतीय स्कन्ध-उद्धव और विदुर की भेंट तथा उद्धव द्वारा भगवान् के बालचरित एवं अन्य लीलाओं का वर्णन, मैत्रेय द्वारा विदुर को सृष्टि-क्रम का वर्णन सुनाना, विराट शरीर की उत्पत्ति, ब्रह्मा द्वारा भगवान् की स्तुति एवं दस प्रकार की सृष्टि का वर्णन, मन्वन्तरादि काल-विभाग एवं सृष्टि का विस्तार, वाराह-अवतार की कथा, सनकादि द्वारा जय-विजय को शाप तथा जय-विजय का वैकुण्ठ से पतन, हिरण्यकशिपु और हिरण्याक्ष की कथा तथा वाराह-भगवान् द्वारा हिरण्याक्ष का वध, कर्दम एवं देवहुति की कथा, कपिल का जन्म एवं सांख्य-दर्शन का वर्णन, अष्टाङ्गयोग-विधि, भक्ति का रहस्य और काल की महिमा, मनुष्य योनि प्राप्त करने वाले जीव की गति का वर्णन, देवहूति का तत्वज्ञान एवं मोक्ष-पद प्राप्ति का वर्णन। चतुर्थ स्कन्ध-स्वायम्भुव मनु की कन्याओं का वंश-वर्णन, दक्ष प्रजापति एवं शिव के मनोमालिन्य एवं सती की कथा, ब्रह्मादि देवताओं द्वारा कैलाश पर जाकर शिव को मनाना, दक्षयज्ञ की पूर्ति, ध्रुव की कथा तथा उनका वंश-वर्णन, राजा वेन की कथा, राजा पृथु की कथा, पुरन्जनोपाख्यान वर्णन, प्रचेताओं को विष्णु भगवान् का वरदान। पञ्चम स्कन्ध-प्रियव्रत चरित्र, आग्नीध्र तथा राजा नाभि का चरित्र, ऋषभदेव की कथा, भरतचरित, भरत वंश का वर्णन, भुवनकोश-वर्णन, गंगावतरण की कथा, भिन्न-भिन्न वर्षों का वर्णन, किम्पुरुष और भारतवर्ष का वर्णन, ६ द्वीपों एवं लोकालोक पर्वत का वर्णन, सूर्य की गति, भिन्न-भिन्न ग्रहों की स्थिति का वर्णन, शिशुमार चक्र का वर्णन, संकर्षणदेव का विवरण, नरक वर्णन । षष्ठ स्कन्ध-अजामिल की कथा, दक्ष द्वारा भगवान् की स्तुति, नारद जी के उपदेश से दक्षपुत्रों की विरक्ति एवं नारद का दक्ष को शाप, बृहस्पति द्वारा देवताओं का त्याग तथा विश्वरूप का देवगुरु के रूप में वरण, नारायण कवच का उपदेश, विचस्प वध, वृत्रासुर द्वारा देवताओं की पराजय तथा दधीचि ऋषि की कथा, वृत्रासुर का वध, चित्रकेतु को अङ्गिरा और नारद का उपदेश, चित्रकेतु को पार्वती का शाप, अदिति एवं दिति की सन्तानों तथा मरुद्रणों की उत्पत्ति का वर्णन, पुंसवन व्रत का विधान । सप्तम स्कन्ध-नारद-युधिष्ठिर-संवाद एवं जय-पराजय की कथा, हिरण्यकशिपु की कथा, प्रह्लादचरित, मानवधर्म, वर्णधर्म तथा स्त्रीधर्म का वर्णन, ब्रह्मधर्म और
SR No.016140
Book TitleSanskrit Sahitya Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajvansh Sahay
PublisherChaukhambha Vidyabhavan
Publication Year2002
Total Pages728
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size20 MB
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