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________________ [ पुरुदेव चम्पू पुराण ] ( २९१ ) wwww 3 उनका भी अपना महत्व है। जिन ग्रन्थों में जैन महापुरुषों का चरित वर्णित है उन्हें पुराण कहा जाता है । जैनियों के ६३ प्रभावशाली व्यक्ति प्राचीनकाल से ही प्रसिद्ध रहे हैं जिन्हें 'शलाकापुरुष' कहा जाता है। इनमें २४ तीर्थंकर, १२ चक्रवर्ती, ९ बलदेव, ९ वासुदेव तथा ९ प्रतिवासुदेव हैं । इन्हीं महापुरुषों का जीवन पुराणों में वर्णित है । इन पुराणों की संख्या २४ है । दिगम्बर लोग इन ग्रन्थों को पुराण की अभिधा देते हैं। तथा श्वेताम्बर लोगों ने इन्हें चरित्र कहा है । पुराणों के नाम- - आदिपुराण, अजितनाथपुराण, संभवनाथपुराण, अभिनन्दपुराण, सुमतिनाथपुराण, प्रद्यप्रभपुराण, सुपाश्वपुराण, चन्द्रप्रभपुराण, पुष्पदन्तपुराण, शीतलनाथपुराण, श्रेयांशपुराण, वासुपूज्यपुराण, विमलानाथपुराण, अनन्तजीतपुराण, धर्मनाथपुराण, शान्तिनाथपुराण कुन्थुनाथपुराण, अमरनाथपुराण, मल्लिनाथपुराण, मुनिसुव्रतपुराण, नेमिनाथपुराण, पार्श्वनाथपुराण, सम्मतिपुराण | आधारग्रन्थ - १. पौराणिक रेकार्डस ऑफ द हिन्दू राइट्स एण्ड कस्टम - प्रो० ह० सी० हाजरा । २. स्टडीज इन द उपपुराणाज – संस्कृत कॉलेज, कलकता ले० श्री हाजरा । ३. पुराण इन्डेक्स २ भागों में - प्रो० वी० आर० रामचन्द्र दीक्षितार । ४. स्टडीज इन एपिक एण्ड पुराणाज ऑफ इण्डिया - डॉ० ए० डी० पुंसालकर, बम्बई । ५. हिस्ट्री ऑफ धर्मशास्त्र - डॉ० पी० वी० काणे, भाग ५, खण्ड २ । ६. आउट लाइन ऑफ रिलिजस लिटरेचर ऑफ इण्डिया - जे० एन० फकुंहर । ७. इन्ट्रोडक्शन टू इङ्गलिश ट्रान्सलेशन ऑफ विष्णुपुराण - एच० एच० विल्सन ८ पुराण रेकार्डस ऑफ द कलिऐज - एफ० ई० पाजिटर । ९. एन्सियन्ट इण्डियन हिस्टॉरिकल ट्रडीशन - पाजिटर । १०. वामनपुराण- ए स्टडी - डॉ० वासुदेवशरण अग्रवाल । ११. मत्स्य - पुराण - ए स्टडी – डा० वासुदेवशरण अग्रवाल । १२. भागवतपुराण- पूर्णेन्दुनाथ सिंहा, मद्रास १३. अग्निपुराण- आंग्लानुवाद - चौखम्बा प्रकाशन १४. अग्निपुराण - ए स्टडी - चौखम्बा प्रकाशन । १५. हिन्दुत्व - प्रो० रामदास गौड़ । १६. पुराणविषयानुक्रमणी - डॉ० राजबली पाण्डेय । १७. पुराण- मीमांसा - श्रीकृष्णमणि त्रिपाठी । १८. भागवत - दर्शन - डॉ० हरवंशलाल शर्मा । १९. इतिहास-पुराण का अनुशीलन - डॉ० रामाशंकर भट्टाचार्यं । २०. गरुडपुराण विषयानुक्रमणिका - डॉ० रामाशंकर भट्टाचार्यं । २१. पुराणस्थ वैदिक सामग्री का अनुशीलन - डॉ० रामाशंकर भट्टाचार्यं । २२. पुराण - विमर्श - पं० बलदेव उपाध्याय । २३. अग्निपुराण - सं० पं० बलदेव उपाध्याय । (चौखम्बा) । २४. प्राचीन भारतीय साहित्य खण्ड १, भाग २ - - विन्टरनित्स | २५. अष्टादशपुराण-परिचय - श्रीकृष्णमणि त्रिपाठी । २६. पुराणशास्त्र एवं जनकथाएँमैक्समूलर । २७. पुराणम् - अंक १९५९-६८ तक काशिराज ट्रस्ट | - पुरुदेव चम्पू- इस चम्पूकाव्य के रचयिता महंत् या अर्हदास नामक व्यक्ति हैं जो आशाधर के शिष्य थे । इसमें जैन संत पुरुदेव का वृत्तान्त है । अहंदास का समय त्रयोदश शताब्दी का अन्तिम चरण है। इन्होंने 'मुनि सुव्रत काव्य' कष्ठाभरण' नामक ग्रन्थों की भी रचना की है। लेखक ने इस चम्पू के प्रारम्भ में जिन की वन्दना की है तथा अपने काव्य के सम्बन्ध में कहा है कि इसका उद्भव भगवान तथा 'भव्यजन
SR No.016140
Book TitleSanskrit Sahitya Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajvansh Sahay
PublisherChaukhambha Vidyabhavan
Publication Year2002
Total Pages728
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size20 MB
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