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________________ श्री हरिहर प्रेस द्वारा प्रकाशित किये हुए कुछ वैद्योपयोगी ग्रन्थ-रत्न १-राजयक्ष्मा-तपेदिक को मिटाने के सरल व उत्तम योग मू. =) २–दमा-श्वास को दूर करने की अत्यन्तोपयोगी चिकित्सा । मू०।) ३-अर्श-सब प्रकार की बवासीर ब मस्से मिटाने के उपाय । मू.) ४-हरिधारित ग्रन्थरत्न-समस्त रोगों के सुलभ योग भाषा टीका सहित इसमें वर्णित हैं । कीमत लागत मात्र 1) आने ही है। ५-सीहा-तिल्ली की अपूर्व पुस्तक है वैद्यों के पढ़ने योग्य है। मू० =) ६-सिद्धौषधि प्रकाश-अनेक अनुभवी योगों का बड़ा संग्रह है। पुस्तक आयुर्वेद समाज की उन्नति करने वाली है । मू. १॥) ही है । स्त्री रोग चिकित्सा-स्त्रियों के सभी रोगों का वणन और आज माइश किये हुये अनुभूत प्रयोग भी हैं। मूल्य सिर्फ ।।) ही है। ८-व्रणोपचार पद्धति-समस्त प्रकार के घावों का इलाज है। मू. =) -वैद्यक शब्द कोष-काष्ठौषधियों के नाम संस्कृत से भाषा में वणित हैं। श्लोक लगाने और उनके अर्थ समझाने में बहुत उपकारी है। मूल्य।) आना। १०-पेटेण्ट औषधे और भारतवर्ष-(प्रथम भाग व द्वितीय भाग) इसमें समस्त औषधियां वणित हैं जा कि अपनी आजयाइश की हुईहैं। इस पस्तक ने वैद्य-समाज में बहुत मान पाया है। मू०३) ११-- सरल रोग-विज्ञान-इसमें आयुर्वेदीय, यूनानी व आंग्ल के निदानों का संग्रह है। शरीर के तमाम रोगों का वर्णन सविस्तार किया है। इतना होने पर भी इस वृहत् काय ग्रंथ का मूल्य स० जि० ॥) है। १२-आयुर्वेदीय विश्व-कोष-यह तीन भाग में वितरित है। जिसमें आयुर्वेदीय, यूनानी, ऐलोपैथिक चिकित्सा के निदान. व रसायन शास्त्र, निघण्टु एवं शरीरपर वेदकाल से लेकर आजतक की तहकीकातों पर विस्तृत प्रकाश डाला है । भारत में इस ढंग का कोई भी 'कोष' नहीं निकला। प्रत्येक भागकी पृष्ठ संख्या ८०. के लगभग है। फिरभी इस पोथेका मू० जिल्द ६) सजि० ७) प्रतिभाग है। मिलने का पता-श्री हरिहरि प्रस, बरालोकपुर, इटावा ।
SR No.016132
Book TitleVaidyak Shabda Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVishweshwar Dayalu Vaidyaraj
PublisherVishweshwar Dayalu Vaidyaraj
Publication Year1931
Total Pages34
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size4 MB
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