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________________ शीलवती भी आचार्य श्री के सान्निध्य में उपस्थित थी। सेठ ने सघन पश्चात्ताप में भीगे हृदय से पत्नी से क्षमा मांगी। पति-पत्नी के मध्य की अविश्वास की दीवार ढह गई। धनदत्त भी वर्षों से पश्चात्ताप की ज्वाला में जल रहा था कि उसने अपने पाप को छिपाने के लिए पति-पत्नी के मध्य संदेह शल्य बो दिया है। वह सेठ के समक्ष उपस्थित हुआ। सेठ के चरणों पर गिरकर उसने पूरा प्रकरण सरल हृदय से कह दिया। धर्मप्राण सेठ-सेठानी ने धनदत्त को क्षमा कर दिया। सुमनचन्द्र सेठ और शीलवती ने आचार्य श्री से श्रावक-धर्म अंगीकार किया और आयुपर्यंत पूर्ण निष्ठाभाव से उसका पालन किया। आयु पूर्ण कर दोनों सद्गति को प्राप्त हुए। कालान्तर में सेठ और सेठानी क्रमशः नाभिराय और मरुदेवी के रूप में अवतरित हुए जो आदिम प्रभु ऋषभदेव के जनक और जननी थे। सुमनभद्र गाथापति श्रावस्ती निवासी प्रतिष्ठित गाथापति जो भगवान महावीर का प्रवचन सुनकर प्रव्रजित हुआ और निरतिचार संयम पालकर विपुलाचल से सिद्ध हुआ। -अन्तगड सूत्र, वर्ग 6, अध्ययना2 सुमनायिका महाराज श्रेणिक की रानी। शेष परिचय नन्दावत् । (देखिए-नन्दा) -अन्तगड सूत्र वर्ग 7, अध्ययन 12 सुमरुता महाराज श्रेणिक की रानी। शेष परिचय नन्दावत् । (देखिए-नन्दा) -अन्तगड सूत्र वर्ग 6, अध्ययन 6 सुमित्र ___ सगर चक्रवर्ती के जनक और तीर्थंकर अजितनाथ के चाचा। (देखिए-सगर चक्रवर्ती) सुमित्रा ___ महाराज दशरथ की रानी, अष्टम वासुदेव लक्ष्मण की माता और श्रीराम की लघुमाता। भारतीय इतिहास की एक मौन और श्रेष्ठ नायिका। (क) सुमुख __ अन्तगडसूत्र के अनुसार सुमुख महाराज बलदेव और महारानी धारिणी के पुत्र थे। भगवान अरिष्टनेमि के उपदेश से सम्बोधि को प्राप्त कर सुमुख अणगार बने और बीस वर्षों तक विशुद्ध संयम की आराधना कर शत्रुञ्जय पर्वत पर मासिक संलेखना के साथ सिद्ध हुए। -अन्तगड सूत्र वर्ग 3, अध्ययन 9 (ख) सुमुख कौशाम्बी नगरी का राजा। (देखिए-हरिराजा) (ग) सुमुख-दुर्मुख मगधेश श्रेणिक के दो दूत। (देखिए-प्रसन्नचन्द्र राजर्षि ) सुरसुन्दर एक श्रेष्ठि-पुत्र, जिसका नाम माता-पिता ने बड़े चाव से सुरसुन्दर रखा था पर वह अपनी शरारतों और स्वभाव से इतना उधमी सिद्ध हुआ कि सभी उसे 'नटखट' कहने लगे। बाल्यकाल से ही वह नटखट ... जैन चरित्र कोश ... -- 677 ..
SR No.016130
Book TitleJain Charitra Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSubhadramuni, Amitmuni
PublisherUniversity Publication
Publication Year2006
Total Pages768
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size24 MB
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