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.शब्दमाला • ४७ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ उत अ. १५३६ वितर्क, विकल्प जणावनार | उत्तमाङ्ग न. ५६६ मस्तक उतथ्यानुज पुं ११९ गुरु, बृहस्पति उत्तर न. २६३ उत्तर, जवाब उताहो अ. १५३६ विकल्प जणावनार (उत्तरकुरु) पुं ९४६ पांच उत्तरकुरु अव्यय
उत्तरङ्ग न. १००६ द्वार- उपरतुं काष्ठ, उत्क पुं ४३६. उत्साही, आतुर
ओतरंग उकट पुं ४३६ मत्त, मदवाळो उत्तरच्छद पुं ६७६ ओछाड, उत्तरपट (उत्कण्ठ) पुं ३१४ उत्साह, उत्कंठा | उत्तरदिक्पति पुं ११०७ (शे. १७२) वायु, उत्कण्ठा स्त्री ३१४ उत्साह, उत्कंठा
पवन उत्कण्ठित पुं ४३६ उत्साही, आतुर उत्तरफल्गुनी स्त्री ११२ उत्तराफाल्गुनी, नक्षत्र उत्कर पुं १४११ समूह, समुदाय उत्तरभद्रपदा स्त्री ११५ उत्तरभाद्रपद नक्षत्र उत्कर्ष पुं १५०६ अतिशय, घj | उत्तरा स्त्री १६७ उत्तर दिशा उत्कलिका स्त्री ३१४ उत्साह, उत्कंठा - उत्तरायण न. १५८ उत्तरायण, आ अयनमां उत्कलिका स्त्री १०७५ पाणीना मोजा, . . सूर्य उत्तर दिशामां जाय छे
- लहेरो उत्तराशाधिपति पुं१९० (शे. ४०) कुबेरदेव उत्कुण पुं १२०९ मांकड
उत्तराषाढा स्त्री ११३ उत्तराषाढा नक्षत्र उत्कोच पुं.७३७ दान, भेट, लांच , उत्तरासङ्ग पुं ६७२ खेस, उत्तरासंग उत्क्रम पुं १५११ उलटो क्रम, उत्तरीयक न. ६७१ शरीर उपर नांखवानुं . . क्रम विनानो
. वस्त्र उक्रोश पुं १३३५ माछलानो नाश करनार | उत्तरेतरा स्त्री १६७ (शे. ३१) दक्षिण दिशा
- कुरर पक्षी | 'उत्तरेधुस' अ. १५८२ आवते दिवसे क्षिप्तिका स्त्री ६५६ कान, आभूषण | उत्तान न. १०७१ छीछरुं उत्तंस पुं ६५४ माथा पर मुकुटाकारे . | उत्तानपादज पुं १२२ ध्रुव
नांखेली माळा उत्तानशय पुं ३३८ बालक, धावणुं बालक उत्तंस पुं ६५४ कान, आभूषण | उत्तेजित न. १२४८ घोड़ानी मध्यम उत्तम न. ६२४ शुष्क मांस
वेगवाळी गति उत्तम न. १४३८ मुख्य, प्रधान ... उत्तेरित न. १२४९ घोड़ा, क्रोधथी चारे पगे उत्तमर्ण पुं ८८२ लेणदार, नाणुं धीरनार |
ठेकीने जर्बु