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________________ अभिधानचिन्तामणिनाममाला . ३६० - शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ | | शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ (स्निग्य) पुं ७३० मित्र | स्फिज् (द्वि.व.) पुं ६०९ कुला, धगडा स्नु पुं १०३५ शिखर स्फिर न. १४२६ बहु, घj 'स्तुक' स्त्री ११४० विलायती थोर स्फुट न. ११२८ खीलेलुं (पुष्प) स्तुत न. १४९६ टपकेलं स्फुट न. १४६७ स्पष्ट स्नुषा स्त्री ५१४ पुत्रवधू स्फुटन न. १४८८ चीर, फोडवू स्तुह्य स्त्री ११४० (शि. १०२) थोर . स्फुटित न. ११२८ खीलेलं (पुष्प) स्तुहि स्त्री ११४० थोर । स्फुर पुं ७८३ ढाल . . स्नेह पुं न. ४१७ तेल . स्फुरक पुं ७८३ (शि. ६८) ढाल स्नेह पुं न. १३७७ प्रेम, स्नेह स्फुरण स्त्री न. १५२३ फरकवू स्नेहप्रिय पुं ६८७ दीवो . 'स्फुरणा' स्त्री १५२३ फरकवू स्नेहभू पुं ४६२ कफ 'स्फुलन' न. १५२३ फरकवू स्नेहु पुं १०५ (शे. १४) चंद्र स्फलिङ्ग त्रि. ११०३ तणखो। स्पर्धा स्त्री १५१५ हरीफाई स्फूर्जथु पुं १८१ वज्रनो अवाज स्पर्शन न. ३८६ दान, त्याग स्फोटक पुं ४६६ फोलो स्पर्शन पुं ११०७ वायु, पवन | (स्फोटन) पुं ८५३ स्फोटायान ऋषि, स्पश पुं ७३४ चरपुरुष .. व्याकरणकार स्पष्ट न. १४६७ प्रगट, चोक्खं | स्फोटायन पुं ८५३ स्फोटायनऋषि, 'स्पृशी' स्त्री ११५७ बेठी भोयरींगणी व्याकरणकार स्पा स्त्री ४३० इच्छा 'स्फोरण' न. १५२३ फरकवू स्फट पुं १३१५ सर्पनी फेण स्फोटायन पुं. ८५३ (शि. ७५) स्फोययन स्फटिकाचल पुं १०२८ अष्टापद पर्वत ऋषि स्फरण न. १५२३ फरकवू स्म अ. १५४२ (शे. २००) पाद पूरणमां स्फाति पुं १५०२ वृद्धि वपरातो शब्द स्फार न. १४३० मोटुं, विशाळ स्मय पुं ३१७ अभिमान 'स्फार' न. १४२६ बहु, घj | स्मर पुं २२७ कामदेव 'स्फारण' न. १५२३ फरक, स्मर पुं५०७ काम (स्त्री- धन) 'स्फिच्' (द्वि.व.) स्त्री ६०९ कुला, धगडा | स्मरकूपिका स्त्री ६०९ योनि
SR No.016120
Book TitleShabdamala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuktichandravijay, Munichandravijay
PublisherShantijin Aradhak Mandal
Publication Year2000
Total Pages474
LanguageGujarati
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size9 MB
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