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________________ THEHEAR HEREHTIRHA शब्दमाला • २८१ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ | शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ लिक्षा स्त्री १२०८ लीख लुब्ध पुं ४२९ लोभी, अतिलोभी लिखक पुं ९२१ (शि. ८१) चित्रकार | लुब्धक पुं ९२७ शिकारी, पारधी लिखिता स्त्री ४८४ (शे. ३६) लिपि, लुम्बी स्त्री ११२६ (शि. १०१) नहि लखाण, अक्षरन्यास खीलेली कुंपळोनो गुच्छो लिङ्ग न. ६१० पुरुष चिन्ह, लिंग 'लुलाप' पुं १२८२ पाडो लिङ्गवृत्ति पुं ८५६ आजीविका माटे वेष | लुलाय पुं १२८२ पाडो राखतो पाखंडी | लुलित न. १४८० हलावेलुं, कंपेलु लिपि स्त्री ४८४ लखाण, अक्षरन्यास | लूता स्त्री १२११ करोळियो लिपिकर पुं ४८४ लेखक, लखनार लून न. १४८९ छेदायेलु, कापेलु लिप्त न. १४८३ लेपायेलु, लीपेलु | लूमन् न. १२४४ पूंछडं लिप्तक पुं ७७९ झेरवाळु बाण लूमविष पुं १३१२ पूंछडामां झेरवाळो वींछी लिप्सा स्त्री ४३० इच्छा, अभिलाषा लेख पुं ८८ देव लिप्सु पुं. ४२९ लोभी, अतिलोभी | लेखक पुं ४८३ लहीयो, लखनार लिवि स्त्री ४८४ लिपि लेखा स्त्री १४२३ ओली, पंक्ति (लिविकर) पुं ४८४ लेखक, लहीओ | लेपक पुं ९२२ (शि. ८१) कडियो, लिह न. ७ (प.) आ शब्द भोज्यवाचकथी जोडतां भोजक वाचक शब्द बने छे. उदा. | लेपन न. ६२३ (शे. १२९) मांस अमृतलिह । लेप्यकृत् पुं ९२२ कडियो, लीपनार लीला स्त्री ५०७ शृंगार, चेष्टा लेप्यमयी स्त्री १०१४ चीतरेली पूतळी, लीला स्त्री ५०७ स्त्रीओना स्वाभाविक १० माटी वगेरेनी बनावेली पूतळी अलंकार पैकी १लो अलंकार | लेलिहान पुं १३०४ सर्प, नाग लीला स्त्री ५५५ क्रीडा, रमत लेश पुं १३६ बे कला प्रमाण समय (लीलावती) स्त्री ५०७ लीलावाळी स्त्री लेश पुं १४२७ अल्प, अंश लुठित न. १२४५ घोडा, जमीन उपर | | लेष्ट पुं ९७० माटीनुं ढे आळोटवू. लेह पुं ४२३ खावू, भोजन लुप्तवर्णपद न. २६६ अक्षर अथवा पद रही | लेहन न. ४२४ चाटवू जाय तेवू वचन । लोक पुं ५०१ लोक, प्रजा ___ लीपनार
SR No.016120
Book TitleShabdamala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuktichandravijay, Munichandravijay
PublisherShantijin Aradhak Mandal
Publication Year2000
Total Pages474
LanguageGujarati
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size9 MB
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