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________________ अभिधानचिन्तामणिनाममाला . १९८ | शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ शब्द/लिंग / श्लोक / अर्थ पादातिक पुं ४९८ पगे चालनार, पाळो पापर्द्धि स्त्री ९२७ शिकार पादावर्त पुं १०९३ रेंट, अरघट्ट पाप्मन् पुं १३८० पाप, दुष्कृत्य पादुका स्त्री ९१४ पगरखां, जोडां पामन् स्त्री ४६४ खरज, खरजर्बु पादुकाकृत् पुं ९१४ मोची चमार पामन पुं ४६० खरजवाना रोगवाळो पादू स्त्री ९१४ पगरखां, जोडा पामर पुं ४६० (शि. ३३) खरजवाना पाद्य न. ५०० पग धोवानुं पाणी . . रोगवाळो पान न. ३९४ पिपासा, तरस • पामर पुं ९३२ पामर, नीच, असंस्कारी पान न. ७३८ मदिरा पान (पामा) स्त्री ४६४ खरजर्बु (७ व्यसनमान एक) । पामारि पुं १०५७ गंधक पान न. १०८९ पाणीनी नीक (पायतिथ्या) स्त्री ६५५ माथे सेंथा उपर पान पुं १३६८ निःश्वास, बहारनो श्वास राखवानु घरेणुं पानगोष्ठिका स्त्री ९०७ दारु पीवा बेठेली | पायस पुं ४०६ दूधपाक, खीर मंडळी प्रायस पुं ६४८ गूगळनो धूप पानभाजन न. १०२४ प्यालो, पायिन् पुं ७ (प.) भोज्य वाचकथी पाणी पीवानुं पात्र लगाडातो शब्द पानमदस्थान न. ९०६ दारुचें पीढुं | पायु पुं ६१२ गुदा पानवणिज् पुं ९०१ कलाल, पाय्य न. ८८३ पाय्य आदि त्रण प्रकारना मदिरा वेचनार __ मान माप छे पानीय न. १०६९ पाणी पार पुं न. १०७९ सामेनो किनारो पानीयनकुल १३५० जलनो नोळियो, पारगत पुं २४ अर्हन, जिन जलनो बिलाडो पारत पुं न. १०५० पारो पानीयशाला स्त्री १००१ परब | पारद पुं न. १०५० पारो पान्थ पुं ४९३ मुसाफर पारम्पर्य न. ८० संप्रदाय (पान्थसार्थ )पुं१४१२ प्रवासीओनो समुदाय | पारशव पुं ८९६ निषाद, ब्राह्मण पुरुष अने पाप पुं ३७६ क्रूर, पापी _ शूद्र स्त्रीथी उत्पन्न थयेल पाप न. १३८० पाप, दुष्कृत्य | पारशव पुं न १०३७ लो, पाप न. १४४३ अधम, हलकुं | पारचय पुं ७७० कुहाडीवाळो
SR No.016120
Book TitleShabdamala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuktichandravijay, Munichandravijay
PublisherShantijin Aradhak Mandal
Publication Year2000
Total Pages474
LanguageGujarati
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size9 MB
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