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. अभिधानचिन्तामणिनाममाला . १८० शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ (निवेश) पुं ९७२ नगर
निशुम्भ पुं ६९९ पांचमो प्रतिवासुदेव निवेशन न. ९७२ नगर
निशुम्भमथनी स्त्री २०५ पार्वती (निवेशन) न. ९७२ निगमर्नु अर्ध, श्रेष्ठ नगर | (निशेश) पुं १०४ चन्द्र निश् स्त्री १४३ (शे. १९) रात्रि निश्चय पुं १३७४ निर्णय निशा स्त्री १४१ रात्रि
निषङ्ग पुं ७८१ बाण राखवार्नु भाथु निशा स्त्री ४१८ हळदर
निषङ्गिन् पुं ७७१ (शे. ६७) धनुर्धारी निशाकर पुं १०५ चन्द्र.
निषद्या स्त्री १००२ हाट, दुकान निशागण पुं १४३ रात्रिनो समूह निषद्व पुं १०९० कादव निशाट पुं १३२४ घुवड
निषद्वरी स्त्री १४३ (शे. १९) रात्रि निशाटनी स्त्री १३३७ (शि. १२०) वागोळ, निषद पुं १४०१ सातमो स्वर (हाथीनो स्वर)
चामाचीडियु निषधा स्त्री ९८० नल राजानी राजधानी निशात न. १४८४ तीक्ष्ण करायेलं, | निषाद पुं ८९६ ब्राह्मण पुरुष अने शूद्र उत्तेजित करायेखें
स्त्रीथी उत्पन्न थयेल निशात्यय पुं १३९ (शे. १८) प्रभातकाळ | निषाद पुं ९३३ चांडाळ निशान्त न. ९९२ घर
निषाद पुं १४०१ (शि. १२७) सातमो स्वर निशापति पुं १०४ चन्द्र
निषादिन् पुं ७६२ हाथीने हांकनार, हाथी (निशामणि) पुं १०५ चन्द्र
पर बेसनार निशामन न. ५७६ जोर्बु ते
निषिद्धकरुचि पुं ८५९ निषेध करायेली निशारत्न न. १०५ चन्द्र
. वस्तुओमां रुचिवाळो निशावर्मन् न. १४६ (शे. २१) अंधकार | निषूदन न. ३७१ हिंसा निशावेदिन् पुं १३२४ कूकडो | निष्क पुं न, १०४४ सोनू निशाहय पुं १४७ (शे. २२) कृष्ण पक्ष | निष्कल पुं ४९२ सत्त्वरहित, वीर्य रहित निशित न. १४८४ तीक्ष्ण करायेलु, उत्तेजित | निष्कला स्त्री ५३५ ऋतु विनानी स्त्री निशीथ पुं १४५ अर्धरात्रि
निष्कषाय पुं ५५ आवती चोवीशीना निशीथिनी स्त्री १४१ रात्रि
___.. . १३मा तीर्थकर निशीथ्या स्त्री १४३ (शे, १९) रात्रि निष्कारण न. ३७२ हिंसा निशुम्भ पुं ३७१ हिंसा
| निष्कासित पुं ४४० बहार काढेल