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________________ अभिधानचिन्तामणिनाममाला • १६० । शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ दैवत पुं न ८८ देव दौवारिक पुं ७२१ द्वारपाळ, प्रतिहार दैवत न १५९ देवो, एक अहोरात्र | दौलेय पुं.१३५३ काचबो । . (मनुष्य- एक वर्ष) दौष्यन्ति पुं ७०२ भरत, दुष्यन्त अने दैवत न ८४० आंगळीओनो अग्रभाग . शकुंतलानो पुत्र दैवपर पुं ३८३ भाग्य उपर आधार राखनार | दौहित्र पुं.५४४ दीकरीनो दीकरो (दैवप्रमाणक) पुं ३८३ भाग्य उपर · द्यावाक्षमा (द्वि.व.) स्त्री ९३८ स्वर्ग अने पृथ्वी आधार राखनार | द्यावापृथिवी (द्वि.व.) स्त्री ९३८ स्वर्ग (दैववादिन्) पुं ३८३ भाग्य उपर . अने पृथ्वी आधार राखनार | द्यावाभूमि (द्वि.व.) ९३८ स्वर्ग अने पृथ्वी दोःसहस्रभृत् पुं ७०२ कार्तवीर्य, अर्जुन | द्यावाभूमी अ. १५२६. स्वर्ग अने पृथ्वी दोर्मूल न ५८९ कांख, बगल धु पुं १३८ दिवस दोला स्त्री ७५८ हिंचको द्यु पुं ८७ (शे. ३) स्वर्ग दोला स्त्री १४८१ हीडोलो, डोळी । द्युत् स्त्री १०० किरण 'दोली' स्त्री १४८१ हीडोळो, डोळी | 'द्युति' स्त्री १०० किरण दोस् पुं न ५८९ भुजा, हाथ 'द्युति' स्त्री १५१२ शोभा दोष पुं १३७५ कष्ट, दोष . धुपति पुं ९७ सूर्य दोष पुं ७३ तीर्थंकरने न होय ते १८ दोष | | द्युम्न पुं १९२ धन दोषज्ञ पुं ३४१ विद्वान, पंडित द्युम्न न. ७९६ पराक्रम दोषज्ञ पुं ४७२ वैद्य धुवसति पुं १० (प.) देव दोषा स्त्री १४३ रात्रि । धुवासिन् पुं १० (प.) देव दोषा अ १५३३ रात्रि धुशय पुं १० (प.) देव दोषैकदृश् पुं ३८० दोषग्राही धुसद् पुं १० (प.) देव दोहद पुं न ५४१ दोहद, धुसदन पुं १० (प.) देव गर्भना प्रभाव थती इच्छा | धुसद्मन् पुं १० (प.) देव दोहदान्विता स्त्री ५३९ दोहदवाळी स्त्री (धुसद्मन्) पुं ८७ ५ देव दौन्दुभी स्त्री ५१८ (शे. १०८) वरयात्रा | द्यूत पुं न ४८६ जुगार दौर्हद न ५४१ दोहद | द्यूतकारक पुं. ४८५ जुगारी
SR No.016120
Book TitleShabdamala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuktichandravijay, Munichandravijay
PublisherShantijin Aradhak Mandal
Publication Year2000
Total Pages474
LanguageGujarati
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size9 MB
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