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________________ ‘शब्दमाला . १५७ . . शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ श ब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ दुर्भिक्ष न ६० दुष्काळ (कर्मक्षयथी थयेल | दून पुं १४९३ तपावेलुं, दूभवेल ११ अतिशयोमाथी १०मो अतिशय. | दूर न १४५२ दूर, आधु भगवाननी हाजरीमां दुष्काळना अभावरूप | (दूरदर्शिन्) पुं३४४ लांबो विचार करनार, १०मो अतिशय.) लांबी नजरवाळो दुर्मनस् पुं ४३५ दुष्ट चित्तवाळो | दूरदृश् पुं १३३५ गीध दुर्मुख पुं ३५१ अप्रिय बोलनार दूरवेधिन् पुं ७७३ दूरथी लक्ष वींधनार दुर्वर्णक न १०४३ रू' दूरापातिन् पुं ७७३ दूरथी लक्ष वींधनार दुर्वाच पुं ३४७ खराब बोलनार दूर्वा स्त्री ११९२ धरो दुर्वासस् पुं ८५० दुर्वासा ऋषि (दूषण) न २७२ मैथुन संबंधी दोष आपवो दुर्विध पुं ३५८ निर्धन दूषिका स्त्री ६३२ आंखनो मेल दुहृद् पुं ७२९ शत्रु दूषित पुं ४३६ ठपका लायक दुली स्त्रा १३५३ काचबी दूषीका स्त्री ६३२ आंखनो मेल दुश्च्यवन पुं १७१ इन्द्र दूषीविष न १३१४ औषध मंत्र प्रयोगथी दुश्चर्मन् पुं ४५४ खराब चामडीवाळो . निवीर्य करायेलुं झेर दुष्कृत न १३८० पाप दूष्य न ६२४ दुर्गंधवाळु मांस, परु दुष्टगज पुं १२२२ खराब हाथी . दूष्य न ६८१ तंबु, वस्त्रनुं घर (दुष्टवचन) पुं ३५१ अप्रिय बोलनार | दूष्या स्त्री १२३२ हाथीना केड उपर दुष्टवृष पुं. १२६३ दुष्ट बळद, गळीओ बळद . चामडानो दोर दुष्टसाक्षिन् पुं ८८२ (शे. १५५) खराब | दृक्कर्ण पुं १३०३ सर्प, नाग ' साक्षी आपनार | दृग्जल न ३०७ (शे. ८९) आंसु दुष्ठ अ १५४१ निन्द्य, निन्दा करवा लायक | (दृक्प्रसादा) स्त्री १०६२ काळो सुरमो, (दुष्फोट) पुं ७८७ शस्त्र विशेष . चीमेड दुहित स्त्री ५४२ पुत्री दृग्विष पुं १३१२ दष्टिमां विष होय दुहित स्त्री ९ (प) आ शब्द लगाडवाथी तेवो नाग कुटुंब वाचक शब्द बने छे | दृढ त्रि १३८७ कठोर स्पर्श, निष्ठुर दूत पुं ७३४ दूत, संदेश वाहक दृढ पुं १४४७ घट्ट, निरंतर दूती स्त्री ५२१ दूती | दृढ न १५०५ अतिशय, घj
SR No.016120
Book TitleShabdamala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuktichandravijay, Munichandravijay
PublisherShantijin Aradhak Mandal
Publication Year2000
Total Pages474
LanguageGujarati
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size9 MB
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