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________________ ANTAR SHRA __ शब्दमाला . १५३ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ | शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ दाण्डाजिनिक पुं ३७७ ठग, धूर्त (दामाञ्चन) न १२५१ दामण 'दात' न. १४९० छेदायेनु, कापेलु | दामोदर पुं ५१ गत उत्सर्पिणीना ९मा 'दातृ' पुं ३८५ दाता, उदार तीर्थकर, नाम दात्यूह पुं १३३२ जल कागडो, जलकूकडो, | दामोदर पुं २१६ विष्णु, कृष्ण .. ढेक पक्षी दाय ५२० (शि. ४२) लग्न वगेरेमां दात्योह पुं १३३२ (शि. १२०) जलकागडो करातो चांल्लो, पहेरामणी 'दात्यौह' पुं १३३२ जलकागडो | दायक पुं ८८२ नाणुं धीरनार दात्र न ८९२ दातरडं दायाद पुं ५४२ (शे. ११५) पुत्र दाधिक न ४१० दहींथी संस्कारित द्रव्य दार (ब.व.) पुं ५.१३ पत्नी दान न ३८६ दान, त्याग दारक पुं ५४२ पुत्र दान न १२२३ हाथीना गंडस्थलमांथी। दारकर्मन् न ५१८ विवाह ... झरतुं पाणी, मद . दारद पुं ११९६ स्थावर विष (दानव) पुं २३८ असुर दारद पुं १०७४ (शे. १६७) समुद्र दानवारि पुं (ब.व.) ८९ देव (दारहर) पुं ३७२ आततायी दानशील पुं ३५१ (शि २३) प्रिय वाणीथी . (स्त्री- हरण करनार) दान आपनार (दारिका) स्त्री ५४२ पुत्री दानशौण्ड पुं ३८५ घणुं आपनार । | दारित न १४८८ चीरेखें दानान्तराय पुं ७२ तीर्थकरोमां न होय ते | दारु पुं २ ११२२ लाकडं - १८ पैकी पहेलो दोष | दारुण न ३०३ भयानक दान्त पुं ८११ तपना कलेशने सहन करनार | दारुहस्तक पुं १०२१ डोयो, दापित पुं ४४६ दंडायेलो, धनादि आपी | लाकडानी कडछी वश करायेलो . दाघाट पुं १३२८ लक्कडकूट पक्षी दामन् स्त्री न १२७४ पशुओने बांघवानुं | दालव पुं ११९९ स्थावर विष दोरडं, दामणं | (दाल) न. १२१४ मधनी एकजात दामिनी स्त्री १२७४ एक दोरडे घणा.पशुओ | दालु पुं ५८४ (शे. १२३) दांत बंधाय तेवू दोरडुं | दाव पुं ११०१ दावानळ. दामलिप्त न ९७९ ताम्रलिप्ती नगरी । दाव पुं ११११ वन, जंगल
SR No.016120
Book TitleShabdamala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuktichandravijay, Munichandravijay
PublisherShantijin Aradhak Mandal
Publication Year2000
Total Pages474
LanguageGujarati
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size9 MB
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