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· शब्दमाला • ११७ . .. शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ घोषयित्नु पुं १३२१, (शे. १९१) कोयल (चक्रवाकबन्धु) पुं ९६ सूर्य घोषवती स्त्री २८७ वीणा. सारंगी | चक्रवाल पुं १०३१ द्वीप अने समुद्रने घ्राण न. ५८० नाक
वींटीने रहेल लोकालोक नामनो पर्वत, घ्राणतर्पण पुं १३९० सुगंध अंधकार अने जगतनी वच्चे आवेलो ते •च .
नामनो एक कल्पित पर्वत च अ. १५४२ (शे. २००) अने, पादपूरणार्थ चक्रवाल पुं १४११ समूह, समुदाय चकित पुं ३६५ बीकण
चक्रसंज्ञ न. १०४२ कलई चकोर पुं १३३९ चकोर पक्षी
चक्राङ्ग (ब.व.) पुं १३२५ हंस चक्र पुं न. ७४६ लश्कर, सैन्य चक्रावर्त पुं १५१९ चक्राकारे फरवू, चक्र पुं न. ७५५ चक्र, पैडुं
__ भमकुं ते चक्र पुं न. ७८७ शस्त्र विशेष | चक्रिन् पुं १३०४. साप, सर्प/नाग चक्र पुं न. १४११ समूह, समुदाय चक्रीवत् पुं १२५६ गधेडो चक्र (ब.व.) न. १०८८ (शि. ९८) नदीनो | चक्रेश्वरी स्त्री ४४ श्री ऋषभदेव वळांक, जळy चक्राकारे फरवू, वमळ
भगवाननी शासनदेवी (चक्र) पुं १३३० चक्रवाक पक्षी, चकवो | | चक्रेश्वरी स्त्री २३९ पांचमी विद्यादेवी चक्रजीवक पुं २१६ कुंभार | चक्षण न. ९०७ मदिरा पीवानी प्रीति उत्पन्न चक्रनामन् पुं १०५४ माक्षिक धातु
. करे तेवो भक्ष्य पदार्थ (चक्रपाणि) पुं. २१९ विष्णु
'चक्षःश्रवस्' पुं १३०३ सर्प चक्रबान्धव पुं ९६ सूर्य . (चक्षुर्विकल) पुं ४५७ आंधळो चक्रभृत् पुं २१९ विष्णु
चक्षुष न. ५७५ आंख चक्रमण्डलिन् पुं १३०५ अजगर चक्षुष्य पुं ४४८ आंखने गमे तेवो, रूपाळो चक्रमर्दक न. ११५८ कुंवारियो, चक्षुष्या स्त्री १०६२ काळो सुरमो, चीमेड
पुंवाडीयानुं वृक्ष चञ्चरीक पुं स्त्री १२१२ भमरो चक्रभेदिनी स्त्री १४३ (शे. १८) रात, रात्रि | चञ्चल न. १४५४ चपळ, अनित्य चक्रवर्तिन् पुं. ६९१ चक्रवर्ती, .... । चञ्चला स्त्री ११०५ वीजळी
सार्वभौम राजा 'चञ्चु' पुं ११५० एरंडो, दीवेलो चक्रवाक पुं १३३० चक्रवाक पक्षी, चकवो | चञ्चु स्त्री १३१७ पक्षीनी चांच