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________________ SHREE शब्दमाला . ८३ . शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ | शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ कीलाल न. ६२२ (शे. १२८) लोही | कुचन्दन न. ६४२ रक्तचंदन कीलित पुं ४३८ बंधायेलो केदी कुचर पुं ३४८ खराब बोलनार कीश पुं १२९१ वांदरो | कुज पुं ११६ मंगळ ग्रह कु स्त्री ९३६ पृथ्वी (कुज) पुं १११४ वृक्ष कुकर पुं ४५३ ढूंठो, कुञ्चिका स्त्री १००५ चावी, कुंची . हाथनी खोड़वाळो माणस | कुञ्चित न. १४५६ वांकु कुकुद न. १२६४ (शि. ११२) बळदना | कुञ्ज पुं न. १११५ लतागृह बे खभा उपरनो टेकरो | कुञ्जर पुं न. १२१७ हाथी कुकुन्दर (द्वि.व.) न. ६०८ नितम्ब, कुञ्जर पुं १४४० आ शब्द उतरपदमां कुलामां रहेला बे गोळाकार खाडा जोडवाथी प्रशंसा वाचक शब्द बने छे. (कुकुन्दर) न. ६०८ नितम्ब दा.त. नृपकुंजर, आवा शब्दो, लिंग 'कुकुर' पुं १२७९ कूतरो विशेष्य प्रमाणे बदलातुं नथी कुकूल पुं न. ११०१ फोतरानो अग्नि । | कुञ्जराराति पुं १२८६ अष्टापद शरभ कुक्कुट पुं न. १३२४ कुकडो कुञ्जराशन पुं ११३१ पीपळो कुक्कुटाभ पुं १३०६ वर्ण अने अवाजमां कुञ्जल न. ४१५ कांजी, रांब - कुकडा जेवो सर्प । कुट पुं स्त्री ९९० घर कुक्कुटाहि पुं १३०६ वर्ण अने अवाजमां | कुट पुं न. १०१९ घडो, कळश . कुकडा जेवो सर्प | 'कुट' पुं १९१४ वृक्ष कुक्कुटि स्त्री ३७८ दंभपूर्वक चालवू ते । | कुटक न. ८९१ दंड रहित हळ कुक्कुभ पुं १३४२ जंगली कूकडो कुटक पुं १०२३ (शि. ९०) रवैयो, कुक्कुर पुं १२७८ कूतरो बांधवानो खीलो, थांभलो कुक्षि पुं ६०४ पेट कुटज पुं ११३७ इन्द्रजव- झाड कुक्षिम्भरि पुं ४२७ पेटभरो । | कुटर पुं १०२३ रवैयो, बांधवानो खीलो, कुङ्कुम न. ६४५ केसर . थांभलो 'कुङ्कुम' पुं ६३९ चतुःसम पैकीनी कुटर पुं. १२३३ घोडो . एक वस्तु कुटहारिका स्त्री ५३४ दासी कुच पुं (द्वि.व.) ६०३ स्तन . कुटिल न. १४५६ वांकु
SR No.016120
Book TitleShabdamala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuktichandravijay, Munichandravijay
PublisherShantijin Aradhak Mandal
Publication Year2000
Total Pages474
LanguageGujarati
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size9 MB
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