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________________ १३८ शब्दः बृहतीपत बृहत् कुक्षि बृहद्भानु बृहन्नट बृहस्पति बृंहित बे बैल्व बोधकर बोधि 99 बोधितरु बोधिद बोधिसत्त्व (..) बोल (बौद्ध) बौध बोहिथ ब्रध्न 6 "" (ब्रह्मचर्य) ब्रह्मचारिणी ब्रह्मचारिन् "" , ." श्लोकाङ्कः ११९ ४५० १०९७ ७०९ ११८ १४०५ ८७७ ८१५ ७९४ २३५ - शे. १३२५-शे. ११३१ २५ २३२ ११३१ १०६३ ८६१ ७०१ ८७६ ९६ ११२१ ८१ २०५ - शे. २०८ ८०७ ८०८ अभिधानचिंतामणिकोशस्य श्लोकाङ्कः ९३ १२१ - शे. शब्दः ब्रह्मज ब्रह्मण्य ब्रह्मत्व ब्रह्मदत्त ब्रह्मन् "" "" " "3 " ब्रह्मनाम ब्रह्मपादप ब्रह्मपुत्र ब्रह्मपुत्री ब्रह्मबन्धु ब्रह्मबिन्दु ब्रह्मभूय ब्रह्मयज्ञ ब्रह्मरात्रि ब्रह्मरीति ब्रह्मवर्चस ब्रह्मवर्धन ब्रह्मवेदि ब्रह्मसंभव ब्रह्मसायुज्य ब्रह्मसू ८४१ ६९४ ४२ ७४ ८१ २१२ ९८- शे. शब्दः ब्रह्मसूत्र ब्रह्मसूनु ब्रह्माञ्जलि ८४१ २३० (ब्रह्माणी) ब्रह्मावर्त्त ब्रह्मासन ब्राह्म "" ब्राह्मण ८१३-शि. २१९-शे. ११३६ ११९६ ब्राह्मण्य १०८५ ब्राह्मी ८५५ ८३९ ८४१ ८२१ ८५१ १०४८ भ ८३८ भक्त १०४० भक्तकार ९५० भक्तमण्ड ६९५ भक्ति भक्षंक (ब्राह्मणवर्ग) ब्राह्मणी 99 "" ." " ब्रुव भक्षण श्लोका ८४५ - शि ६९४ ८३८ २०१. ९४९ भ ८३८ १६० ८४० ८११ १४१३ १२०७ १२९९ १४१९ १०९ २०१ २४१ १०४८ १४४२ १०७ ३९५ ७२३ -३९६–शे. ४९६ ३९४ ४२३
SR No.016119
Book TitleAbhidhan Chintamani Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaykastursuri
PublisherVijay Nemi Vigyan Kastursuri Gyanmandir
Publication Year1973
Total Pages866
LanguageGujarati
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size11 MB
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