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________________ 561 स्थानान्त... स्थ: -I. iii. 22 सम, अव.प्र तथा वि पूर्वक स्था धात से (आत्मनेपद होता है)। स्थ:-III. 1.4 स्था धातु से (सुबन्त उपपद रहते 'क' प्रत्यय होता है)। स्थ-III. 1.77 (सोपसर्ग या निरुपसर्ग) स्था धातु से (सुबन्त उपपद रहते क और क्विप् प्रत्यय होते है)। ...स्थ-III. 1. 139 . देखें- ग्लाजिस्थ III. 1. 139 स्थ-VIII. 1.97 (अम्ब, आम्ब, गो, भूमि, सव्य, अप, द्वि, त्रि, कु, शेकु, शडकु, अङगु,मडि, पुञ्जि,परमे,बर्हिस.दिवि तथा अग्निइन शब्दों से उत्तर) स्था धातु के (सकार को मूर्धन्य आदेश होता है)। ..स्थयो:-VI. 1. 95 . देखें-मादस्थयोः VI. 1.95 - '...स्थल..-IV.1.42 . देखें-जानपदकुण्डV.. 42 . ...स्थल..-VI. ii. 129 देखें-कूलसूदO VI. 1. 129 स्थलम्-VIII. III. 17 (वि,कु,शमि तथा परि से उत्तर) स्थल शब्द के (सकार को मूर्धन्य आदेश होता है)। स्थविरतरें-IV.i. 165 (भाई से अन्य सात पीढ़यों में से कोई) पद तथा आयु दोनों से बूढ़ा व्यक्ति (जीवित हो तो पौत्रप्रभृति का जो अपत्य, उसके जीते ही विकल्प से युवा संज्ञा होती है; पक्ष में गोत्रसंज्ञा)। स्था...-Li.17 . देखें- स्थाव्यो: I. 1. 17 ..स्वा.. -I. iv. 34 देखें-शलाबहनुहस्थाशपाम् I. iv.34 ...स्वा.-1..46 देखें-अधिशीइस्थासाम् I. iv.46 ..स्वा...-II. r.m देखें- गातिस्थाधुपा II. iv.77 ...स्था...-III. ii. 154 देखें-लपपत III. 1. 154 स्था...-III. 1.175 देखें-स्थेशमास III. 1. 175 स्था..-III. 11.95 देखें-स्थागापापच III. iii.95 स्था..- III. iv. 16 - देखें- स्वेण्क III. iv. 16 ...स्था..-III. iv.72 देखें- गत्यर्थाकर्मक III. iv.72 ...स्था...-VI. iv.66 देखें-घुमास्थाo VI. iv.66 ...स्था...- VII. ill. 78 देखें-पाघ्राध्या०VII. 1.78 ...स्था...-VIII. 11.65 देखें- सुनोतिसुवति० VIII. 1. 65 स्था...-VIII. Iv.60 देखें- स्थास्तम्भोः VIII. iv.60 स्थागापापक-III. 11.95 स्था, गा, पा, पच् धातुओं से (स्त्रीलिङ्ग भाव में क्तिन् प्रत्यय होता है)। स्थाप्यो:-I.1.16 स्था और घुसंज्ञक धातुओं से परे (सिच् कित्वत् होता है और इकारादेश भी हो जाता है)। स्थादिषु-VIII. Iii. 64 (सित से पहले-पहले) स्था इत्यादियों में (अभ्यास का व्यवधान होने पर भी मूर्धन्य आदेश होता है तथा अभ्यास के सकार को भी मूर्धन्य आदेश होता है)। ...स्थान...- VI. 1. 151 देखें- मन्वितन्. VI. II. 151 ...स्थान..-VI. 1.84 देखें-ज्योतिर्जनपदOVI. ii. 84 स्थानम्... -VIII. iii. 31 (भीरु शब्द से उत्तर) स्थान शब्द के (सकार को समास में मूर्धन्य आदेश होता है)। स्थानान्त... -VII. 35 देखें- स्थानान्तगोशाल N. III. 35
SR No.016112
Book TitleAshtadhyayi Padanukram Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAvanindar Kumar
PublisherParimal Publication
Publication Year1996
Total Pages600
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size11 MB
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