SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 457
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ रपरः 439 ...रलोपे-VI. iii. 110 रपर-I.i.50 (ऋवर्ण के स्थान में यदि अण होना हो, तो वह साथ ही) र परे वाला होता है। रपरसृपिसृजिस्मृशिस्पहिसवनादीनाम् - VIII. i. 110 रेफ परे है जिससे,उस सकार को तथा सप.सज.स्पृश. स्पृह एवं सवनादि गणपठित शब्दों के (सकार को इण (सकार का इण् तथा कवर्ग से उत्तर मूर्धन्य आदेश नहीं होता)। ...रपि.. -III. I. 126 देखें - आसुयुवपि III. 1. 126 ...रभ... - VII. iv. 54 देखें- मीमीघु. VII. iv. 54 रः -VII.1.63 (शप तथा लिट्वर्जित अजादि प्रत्ययों के परे रहते) 'रभ राभस्ये' अङ्ग को (नुम् आगम होता है)। रम् -VI. iv.47 . (प्रस्न धातु के रेफ तथा उपधा के स्थान में विकल्प से) रम् आगम होता है, (आर्धधातुक परे रहने पर)। ...रम... -VII. ii. 73 देखें- यमरमनमाताम् VII. ii. 73 रमः -I. iii. 83 (वि, आङ् एवं परि पूर्वक) रम् धातु से (परस्मैपद होता रश्मौ -III. iii. 53 . घोड़े की लगाम वाक्य हो (तो भी प्र पूर्वक ग्रह धातु से कर्तृभिन्न कारक संज्ञा तथा भाव में घञ् प्रत्यय होता है,पक्ष में अप होता है)। रषाभ्याम् - VIII. iv.1 " रेफ तथा षकार से उत्तर (नकार को णकारादेश होता है, एक ही पद में) ...रस... - V.i. 120 देखें - अचतुरमङ्गल. V.. 120 ...रसः -II. iv.85 देखें-डारौरसः II. iv. 85 रसादिभ्यः - V.ii.95 (प्रथमासमर्थ) रसादि प्रातिपदिकों से (भी 'मत्वर्थ' में मतुप् प्रत्यय होता है)। ....रहस्... - V. iv. 51 देखें-अर्मनस्० V. iv. 51 रहस: -V.iv.81 (अनु,अव तथा तप्त शब्द से उत्तर) रहस-शब्दान्त प्रातिपदिक से (समासान्त अच् प्रत्यय होता है)। रहस्य.. -VIII.i. 15 देखें - रहस्यमर्यादाO VIII. I. 15 रहाभ्याम् -VIII. iv. 45 (अच से उत्तर वर्तमान) रेफ और हकार से उत्तर (यर् को विकल्प से द्वित्व होता है)। ...राग... - VI.1.210 देखें - त्यागराग० VI. i. 210 ...राग... -VI. iii. 98 देखें- आशीरास्था. VI. iii. 98 रागात् - IV. ii. 1 (समर्थों में जो प्रथम तृतीयासमर्थ) रङ्गविशेषवाची प्रातिपदिक.उससे (रंगा गया' अर्थ में यथाविहित प्रत्यय होता है)। राज... - IV.i. 137 देखें-राजश्वशुरात् IV.i. 137 - - रमयामक: -III. I. 42 रमयामकः शब्द का विकल्प से छन्द में निपातन किया जाता है, साथ ही अभ्युत्सादयामकः,प्रजनयामकः,चिक- यामकः, पावयांक्रियात् तथा विदामक्रन पद भी वेद में विकल्प से निपातित किये जाते हैं)। रमि... - III. ii. 13 देखें- रमिजपोः III. ii. 13 रमिजपो: - III. ii. 13 (स्तम्ब और कर्ण सुबन्त उपपद रहते) रम तथा जप धातुओं से (अच् प्रत्यय होता है)। रल -I. ii. 26 (इकार, उकार उपधावाली) रलन्त (एवं हलादि) धातुओं से परे (सेट् सन् और सेट क्त्वा प्रत्यय विकल्प से कित नहीं होते)।
SR No.016112
Book TitleAshtadhyayi Padanukram Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAvanindar Kumar
PublisherParimal Publication
Publication Year1996
Total Pages600
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy