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________________ ण्यतः ण्यतः - VI. 1. 208 (ईड, बन्द, वू, शंस, दुह-इन धातुओं का) जो ण्यत् तदन्त शब्द को (आद्युदात्त होता है)। .ण्यतो: VIII. iii. 52 देखें - धिण्ण्यतो: VIII. iii. 52 ण्यांसजन्य - III. I. 107 यन्त धातुओं एवं 'आस उपवेशने' तथा 'श्रन्थ् विमोचनप्रतिहर्षयो' धातुओं से (स्त्रीलिङ्ग कर्तृभिन्न कारक संज्ञा तथा भाव में युच् प्रत्यय होता है । - प्युट् III. 1. 147 (गा धातु से शिल्पी कर्ता वाच्य होने पर) ण्युट् प्रत्यय होता है। - ण्ये - VII. iii. 65 य परे रहते (आवश्यक अर्थ में अङ्ग के चकार, जकार को कवर्गादेश नहीं होता। ... ण्योः - VIII. iii. 61 देखें - स्तौतिण्योः VIII. iii. 61 त- प्रत्याहारसूत्र XI - आचार्य पाणिनि द्वारा अपने ग्यारहवें प्रत्याहार सूत्र में पठित आठवां वर्ण । पाणिनि द्वारा अष्टाध्यायी के आदि में पठित • वर्णमाला का सेंतीसवां वर्ण । .I. IV. 19 देखें तसौ 1. IV 19 285 त... ... II. iv. 79 - देखें तथासो: 11. Iv. 79 - त - III. 1. 108 (अनुपसर्ग हन् धातु से सुबन्त उपपद रहते भाव में क्यप् प्रत्यय होता है तथा) तकार अन्तादेश (भी) होता है। त... • III. iv. 2 देखें - तब्वमो: III. iv. 2 - त - fua: III. ii. 62 (भज् धातु से सुबन्त उपपद रहते सोपसर्ग हो या निरुपसर्ग तो भी) ण्वि प्रत्यय होता है। ण्विन् - III. 1. 69 (वैदिक प्रयोग विषय में श्वेतवह, उक्यशस्, पुरोडाशये शब्द) ण्विन्-प्रत्ययान्त ( निपातन किये जाते हैं)। प्युच् - III. III. 111 - (पर्याय अर्ह, ऋण तथा उत्पत्ति अर्थों में धातु से स्त्रीलिङ्ग , भाव में विकल्प से) वुच् प्रत्यय होता है। ण्वुल्... - III. 1. 133 i. देखें ण्वुल्तृचौ III. 1. 133 - • ण्वुल् - III. iii. 108 (रोगविशेष की संज्ञा में धातु से स्त्रीलिङ्ग में) ण्वुल् प्रत्यय (बहुल करके) होता है। ...ugeit - III. iii. 10 देखें तुमुलौ IIIIII. 10 - ण्वुल्तृचौ - III. 1. 133 (धातुमात्र से) ण्वुल्, तृच् प्रत्यय होते हैं । ...... III. iv. 78 देखें - तिप्तस्झिo III. iv. 78 III. iv. 81 त... देखें - तझयो: III. iv. 81 त... ...... III. iv. 101 देखें - तान्तन्ताम: III. iv. 101 ... त... - V. ii. 138 देखें - बभयुस्o Vii. 138 ...th... - VII. 1. 9 देखें - तितुत्रo VII. li. 9 - त... - VII. ii: 106 देखें - तदो: VII. ii. 106 त... - VIII. ii. 38 देखें - तथो: VIII. II. 38
SR No.016112
Book TitleAshtadhyayi Padanukram Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAvanindar Kumar
PublisherParimal Publication
Publication Year1996
Total Pages600
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size11 MB
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