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________________ जातिनाम्ट शब्द को कृत, मित तथा प्रतिपन्न शब्द को छोड़कर अन्तोदात्त होता है, बहुव्रीहि समास में) । जातिनाम्नः - V. iii. 81 (मनुष्यनामधेय) जातिवाची प्रातिपदिक से (कन् प्रत्यय होता है, नीति तथा अनुकम्पा गम्यमान हो तो) । जातिपरिप्रश्ने - II. 1. 62 जातिपरिप्रश्न = जाति के विषय में विविध प्रश्न में वर्तमान (कतर, कतम शब्द समानाधिकरण समर्थ सुबन्त के साथ समास को प्राप्त होते हैं, और वह तत्पुरुष समास होता है)। जातिपरिप्रश्ने - V. iii. 93 'जाति को पूछने के विषय में ' (किम्, यत् तथा तत् प्रातिपदिकों से बहुतों में से एक का निर्धारण गम्यमान हो तो विकल्प से उतमच् प्रत्यय होता है। जातियो: - Viv. 94 (अनस्, अश्मन्, अयस् तथा सरस् शब्दान्त तत्पुरुषों से समासान्त टच् प्रत्यय होता है; जाति तथा सञ्ज्ञा विषय में) । ... जातीय... - VI. iii. 41 देखें - कर्मचारयजातीय VI. III. 41 जातीययो... - VI. III. 45 iii. देखें - समानाधिकरणजातीययोः VI. III. 45 जातीय - Vili 69 (प्रकार - विशिष्ट' अर्थ में वर्तमान प्रातिपदिक से) जातीयर प्रत्यय होता है। जातु... - III. iii. 147 देखें - जातुयदो: III. ill. 147 - जातु - VIII. 1. 47 (जिससे पूर्व कोई शब्द विद्यमान नहीं है, ऐसे) जातु शब्द से युक्त (तिङन्त को अनुदात नहीं होता)। जातुयदः III. 147 (असम्भावना या अक्षमा अभिधेय हो तो) जातु अथवा यत् उपपद रहते (धातु से लिङ् प्रत्यय होता है)। जाते .VI. ii. 171 264 (जातिवाची, कालवाची तथा सुखादियों से उत्तर) जात शब्द उत्तर पद को (अन्तोदात्त होता है, बहुव्रीहि समास में) । जाते - IV. 1. 63 (जो नित्य ही स्त्रीविषय में न हो तथा यकार उपधा वाला न हो, ऐसे) जातिवाची प्रातिपदिक से (स्त्रीलिङ्ग में डीष् प्रत्यय होता है। जाते: - VI. iii. 40 जातिवाची (स्त्रीलिङ्ग) शब्द को भी पुंवद्भाव नहीं होता) । जातो... - V. 1. 77 देखें जातोक्ष = युवा बैल | जात (मनु शब्द से) जाति को कहना हो (तो अञ् तथा यत् प्रत्यय होते हैं, तथा मनु शब्द को षुक् आगम भी हो जाता है)। जाती - V. II. 133 (हस्त शब्द से 'मत्वर्थ' में इनि प्रत्यय होता है), जातिवाच्य हो तो । - - IV. i. 161 अचतुर V. Iv. 77 जानपद... जातौ - VI. ii. 10 (अध्वर्यु तथा कषाय शब्द उत्तरपद रहते) जातिवाची सत्पुरुष समास में (पूर्वपद को प्रकृतिस्वर हो जाता है)। जातौ - VI. iii. 102 (तृण शब्द उत्तरपद हो तो भी कु को कत् आदेश होता है), जाति अभिधेय होने पर । जात्यन्तात् - VIv. 9 जाति शब्द अन्तवाले प्रातिपदिक से (द्रव्य गम्यमान हो तो स्वार्थ में छ प्रत्यय होता है ) । जात्याख्यायाम् - 1. ii. 58 जाति को कहने में (एकत्व अर्थ में बहुत्व विकल्प करके हो जाता है)। ... जात्वोः - III. iii. 142 देखें- अभिजात्योः III. III. 142 जानपद... - IV. 1. 42 देखें जानपदकुण्ड IV. 1. 42 -
SR No.016112
Book TitleAshtadhyayi Padanukram Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAvanindar Kumar
PublisherParimal Publication
Publication Year1996
Total Pages600
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size11 MB
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