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________________ 227 च-V. 1. 13 अव् आदेश होते है)। वेद-विषय में सप्तम्यन्त किम् शब्द से विकल्प से ह च-v.i11.40 प्रत्यय) भी (होता है)। (सप्तमी, पञ्चमी, प्रथमान्त पूर्व,अधर तथा अवर शब्दों च-V. 1. 18 को अस्तात प्रत्यय परे रहते) भी (यथासंख्य करके पर. (सप्तम्यन्त इदम प्रातिपदिकसेदानीम् प्रत्यय) भी (होता अध तथा अव आदेश होते है। च-V.li.43 च-V.II. 19 (द्रव्य का अनेक सङ्ख्याओं में बदलना' अर्थ गम्य(काल अर्थ में वर्तमान सप्तम्यन्त तत् प्रातिपदिक से दा। मान हो तो) भी (सङ्ख्यावाची प्रातिपदिकों से धा प्रत्यय प्रत्यय) तथा (दानीम् प्रत्यय होते है)। होता है)। च-V. 1. 20 च-v.ili.45 उन सप्तम्यन्त इदम् और तत् प्रातिपदिकों से वेदविषय (दि तथा त्रि सम्बन्धी धा प्रत्यय को) भी विकल्प से में यथासङ्ख्य करके दा और हिल् प्रत्यय होते हैं) तथा धमुञ् आदेश होता है)। (यथाप्राप्त दानीम् प्रत्यय भी होता है)। च-V.i.46 च- V.III. 25 (प्रकारवचन में वर्तमान किम् प्रातिपदिक से) भी (थमु द्वि तथा त्रि शब्द सम्बन्धी धा प्रत्यय को विकल्प से ___ एधाच आदेश) भी होता है)। प्रत्यय होता है)। च-V. 1. 26 च - Vil.50 - (हेतु अर्थ में वर्तमान) तथा (प्रकारवचन अर्थ में वर्तमान (भाग' अर्थ में वर्तमान षष्ठ और अष्टम शब्दों से ब किम् प्रातिपदिक से था प्रत्यय होता है, वेदविषय में)। प्रत्यय) तथा (अन् प्रत्यय होते हैं,वेदविषय को छोड़कर)। च-V.1.33 च-V.11.51 (पश्च तथा पश्चा शब्द) भी (वेदविषय में निपातन किये (मान तथा पशु का अङ्गरूपी षष्ठ और अष्टम प्रातिजाते हैं, अस्ताति के अर्थ में)। पदिकों से यथासङ्ख्य करके कन् प्रत्यय तथा प्रत्ययलुक होते है) तथा (यथाप्राप्त अन और ब प्रत्यय भी होते है)। -V.m.37 (दिशा,देश तथा काल अर्थों में वर्तमान पञ्चम्यन्तवर्जित र सप्तमीप्रथमान्त दिशावाची दक्षिण प्रातिपदिक से आहि) (अकेले' अर्थ में वर्तमान एक प्रातिपदिक से आकितथा (आच् प्रत्यय होते हैं , 'दूरी' वाच्य हो तो)। निच् प्रत्यय) तथा (कन् और लुक् होते है)। -V.I. 38 च-Vill.54 (दिशा.देश तथा काल अर्थों में वर्तमान पञ्चम्यन्तवर्जित (भूतपूर्व अर्थ में षष्ठीविभक्त्यन्त प्रातिपदिक से रूप्य) सप्तमीप्रथमान्त दिशावाची उत्तरशब्द से) भी (आहि तथा और (चरट् प्रत्यय होते है)। आच् प्रत्यय होते है,दूरी वाच्य हो तो)।. . च-Vill.56 च -V.11.39 (अत्यन्त प्रकर्ष' अर्थ में तिङन्त से) भी (तमप प्रत्यय (दिशा, देश तथा काल अर्थों में वर्तमान सप्तम्यन्त, होता है)। .. पाम्यन्त तथा प्रथमान्त दिशावाची पूर्व,अधर तथा अवर च -V. 1.61 प्रातिपदिकों से असि प्रत्यय होता है), और (प्रत्यय के (प्रशस्य शब्द के स्थान में अजादि अर्थात् इच्छन, ईयसुन् साथ-साथ इन शब्दों को यथासंख्य करके पुर, अध् तथा प्रत्यय परे रहते ज्य आदेश) भी होता है)।
SR No.016112
Book TitleAshtadhyayi Padanukram Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAvanindar Kumar
PublisherParimal Publication
Publication Year1996
Total Pages600
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size11 MB
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