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________________ 204 च - प्रत्याहारसूत्र IV आचार्य पाणिनि द्वारा अपने चतुर्थ प्रत्याहारसूत्र में इत्स- ज्ञार्थ पठित वर्ण। च - प्रत्याहारसूत्र XI आचार्य पाणिनि द्वारा अपने ग्यारहवें प्रत्याहारसूत्र में पठित छठा वर्ण। -पाणिनि द्वारा अष्टाध्यायी के आदि में पठित वर्ण- माला का पैतीसवाँ वर्ण। च-I.1.5 (कित्,गित,डित् को निमित्त मानकर) भी (इक के स्थान में जो गुण और वृद्धि प्राप्त होते हैं, वे न हों)। च-I.1. 18 (सप्तमी के अर्थ में वर्तमान ईकारान्त सकारान्त शब्दों की) भी (प्रगृह्य संज्ञा होती है)। च-1.1.24 (डति प्रत्ययान्त संख्यावाची शब्द की) भी (पटसंजा होती है। च-1.1.30 (द्वन्द्वसमास में) भी (सर्वादियों की सर्वनाम संज्ञा नहीं होती)। च-11.32 (प्रथम,चरम,तयप् प्रत्ययान्त शब्द,अल्प,अर्ध,कतिपय तथा नेम शब्दों की) भी (जस-सम्बन्धी कार्य में विकल्प से सर्वनाम संज्ञा होती है)। च-I.1.37 (जिससे सारी विभक्ति उत्पन्न न हो, ऐसे तद्धित-प्रत्ययान्त शब्द की) भी (अव्ययसंज्ञा होती है)। च -I.i. 40 अव्ययीभाव समास की) भी (अव्ययसंज्ञा होती है)। च-I.i. 52 (डिदादेश) भी (अन्त्य अल् के स्थान में होता है)। च-1.1.63 (त्यदादिगणपठित शब्द) भी (वृद्धसंज्ञक होते है)। च-I.i.68 (अण् और उदित् अपने स्वरूप का) भी (ग्रहण कराते है,प्रत्यय को छोड़कर)। च-1. ii.6 (इन्धि तथा भू धातु से परे) भी लिट् प्रत्यय कित्वत् होता है)। च-1.11.8 (रुद,विद,मुष,ग्रह,स्वप तथा प्रच्छ इन धातुओं में परे सन्) और (क्त्वा प्रत्यय कित्वत् होते हैं)। . च-I. ii. 10 (इक् के समाप जो हल्, उससे परे) भी (झलादि सन् कित्वत् होता है)। च-1. ii. 12 (ऋवर्णान्त धातु से परे) भी (झलादि लिङ् तथा सिप कित्वत् होते हैं, आत्मनेपदविषय में)। च-I.ii. 16 (स्था तथा घुसज्जक धातुओं से परे सिच कित्वत् होता है और इकारादेश) भी (हो जाता है)। . च-I. ii. 22 (पूङ् धातु से परे सेट् निष्ठा तथा सेट् क्त्वा प्रत्यय) भी (कित् नहीं होता है)। च-1.11.24. (वा, लुच, ऋत् इन धातुओं से परे) भी (सेट् क्त्वा विकल्पकरके कित् नहीं होता है)। च-I. ii. 26 (इकार तथा उकार उपधा वाली रलन्त हलादि धातुओं. से परे सेट् सन्) और (सेट् क्त्वा प्रत्यय विकल्प से कित् नहीं होते है)। च-I. ii. 28 (हस्व हो जाये, दीर्घ हो जाये प्लुत हो जाये, ऐसा नाम लेकर जब कहा जाये तो) वह पूर्वोक्त हस्व दीर्घ प्लुत (अच् के स्थान में ही हो)।
SR No.016112
Book TitleAshtadhyayi Padanukram Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAvanindar Kumar
PublisherParimal Publication
Publication Year1996
Total Pages600
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size11 MB
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