SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 95
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ २८३. ऋषिमण्डलप्रकरण टीका, पद्ममन्दिरगणि / गुणरत्नसूरि कीर्तिरत्नसूरिशाखा, प्रकरण, संस्कृत, १६५३ जैसलमेर, ‘आदि–वन्दे सारस्वतं ज्योतिं ..., अन्त - एनां जेसलमेरुनाम्निनगरे...', मु., फूलचन्द खीमचन्द वलाद, ह. विनय प्रतिलिपि, कैलाशसागरसूरि ज्ञान मन्दिर, कोबा २३४ २८४. ऋषिमण्डलप्रकरण टीका, हर्षनन्दन वादी / समयसुन्दरोपाध्याय, प्रकरण, संस्कृत, १७०४, — आदि–स्वस्तिश्रीसुखकर्तारं ..., अन्त - श्रीवर्धमान जिनवर चरणाग्र...', अ., ह. बड़ा ज्ञान भं., बीकानेर, विनय संग्रह, हरिसागरसूरि ज्ञान भं., पालीताणा, कैलाशसागरसूरि ज्ञान मन्दिर, कोबा १२०२६ २८५. ऋषिमण्डल स्तव, जिनेश्वरसूरि / वर्द्धमानसूरि, स्तोत्र, प्राकृत, ११वीं, 'गा. २७', अ., ह. खरतरगच्छ ज्ञान भं., कोटा २८६. ऋषिमण्डल स्तव, संघतिलकसूरि / रुद्रपल्लीय, स्तोत्र, प्राकृत, १४वीं, 'गा. ३६', अ., ह. महिमाभक्ति - बड़ा ज्ञान भं., बीकानेर २८७. ऋषिमण्डल स्तव, मेरुनन्दनोपाध्याय / जिनोदयसूरि, स्तोत्र, संस्कृत, १५वीं, 'आदिश्री गौतमप्रकटिते स्फुटपञ्चवर्ण... गा. ४', अ. २८८. ऋषिदत्ता चौपाई, क्षमासमुद्र / जिनसुन्दरसूरि बेगड़, रास चौपई, राजस्थानी, १८वीं, 'आदिश्रीश्रीसीमंधरप्रमुख विहरमाण..., अन्त - मत कांई कांढो इणमें खोडी...', अ., ह. जिनभद्रसूरि ज्ञान भं., जैसलमेर ४०० २८९. ऋषिदत्ता चौपाई, गुणविनयोपाध्याय / जयसोम उ०, रास चौपई, राजस्थानी, १६६३ खम्भात, 'आदि-पुरषादेय उदयकरु..., अन्त - इणपरिश्री रिषिदत्ता केरउ...', अ., ह. अभय ग्र., बीकानेर २९०. ऋषिदत्ता चौपाई, जिनसमुद्रसूरि / जिनचन्द्रसूरि बेगड़, रास चौपई, राजस्थानी, १६९८, बीकानेर अ., ह. अभय ग्र., २९१. ऋषिदत्ता चौपाई, ज्ञानचन्द्रोपाध्याय / सुमतिसागर उ०, रास चौपई, राजस्थानी, १७वीं मुलतान, अ. ह. जैन भवन, कलकत्ता, अभय ग्र., बीकानेर २९२. ऋषिदत्ता चौपाई, प्रीतिसागर / प्रीतिलाभ जिनरङ्गीय, रास चौपई, राजस्थानी, १७५२ राजनगर, 'आदि-पास जिणेसर पय नमी ..., अन्त - ऋषिदत्ता राय शिव सुख पामीयारै...', अ., ह. पूरनचन्द नाहर संग्रह, कलकत्ता २९३. ऋषिदत्ता चौपाई, रङ्गसारगणि / भावहर्षसूरि भावहर्षी, रास चौपई, राजस्थानी, १६२६ जोधपुर, आदि-पढ पणमिय पढम पणमिय तित्थ चउवीस..., अन्त - श्री मंडोवर मंडोवर मंडणउ सामीय...', अ., ह. अभय ग्र., बीकानेर, हरिसागरसूरि ज्ञान भं., पालीताणा २९४. ऋषिदत्ता रास, जिनहर्षगणि / शान्तिहर्षगणि, रास चौपई, राजस्थानी, १७४९ पाटण, 'आदिश्री शान्तीसर सोलमउ..., अन्त- सती सिरोमणि रिषिदत्ता सती...', अ., उ. जैन गुर्जर कविओ भाग - ३, पृ. ११६३ Jain Education International खरतरगच्छ साहित्य कोश For Personal & Private Use Only 25 www.jainelibrary.org
SR No.016106
Book TitleKhartargaccha Sahitya Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy