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________________ ६८१०. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, वीस विहरमान जिन स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-प्रणमिय सारदमाय समरिये सद्गुरु... गा. २३', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ४० ६८११. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, वीस विहरमान जिन स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, आदि-वीस विहरमान जिनवर रायाजी... गा. ४', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ४३ ६८१२. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, वैराग्य शिक्षा गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, _ 'आदि-म करि रे जीउडा मूढ... गा. ५', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ४२६ ६८१३. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, वैराग्य सज्झाय, सज्झाय, राजस्थानी, १७वीं, आदि मोक्ष नगर म्हारं सासरूं... गा. ५', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ४४८ ६८१४. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, व्रत पच्चक्खाण गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-बूढा ते पिण कहियइ बाल... गा. ११', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ४६३ ६८१५. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, शत्रुञ्जय तीर्थ भास, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-म्हारी बहिनी हे, बहिनी म्हारी सुणी एक... गा. ५', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ७४ ६८१६. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, शत्रुञ्जय तीर्थ भास, गीत 'स्तवन, राजस्थानी, . १७वीं, 'आदि-सकल तीरथ मांहि सुंदरु... गा. ११', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ६७ ६८१७. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, शान्तिनाथ गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-आंगण कल्प फल्योरी हमारे माइ... गा. ३', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ११० ६८१८.. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, शान्तिनाथ गीत-अष्टापद मण्डन, गीत स्तवन, राजस्थांनी, १७वीं, आदि-सो जिनवर कहउ मोहि... गा. ५', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ.६४ ६८१९. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, शान्तिनाथ स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-सुखदाई रे सुखदाई रे... गा. ५', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. १०९ ६८२०. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, शान्तिनाथ स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-सुन्दर रूप सुहामणो... गा. ६', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. १०७ ६८२१. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, शान्तिनाथ स्तवन-जैसलमेर मण्डन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-अष्टापद हो ऊपरलो प्रासाद... गा. ७', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. १०६ 499 खरतरगच्छ साहित्य कोश For Personal & Private Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org
SR No.016106
Book TitleKhartargaccha Sahitya Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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