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________________ ६६६६. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, नेमिनाथ भास-सोरिपुर मण्डन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-सौरीपुर जात्र करी प्रभु तेरी... गा. ४', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ११२ ६६६७. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, नेमिनाथ राजीमती गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-नेमजी रे सामलियउ सोभागी... गा. ५', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ११५ ६६६८. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, नेमिनाथ राजीमती सवैया, गीत स्तवन, राजस्थानी, __१७वीं, 'गा. ३४ अपूर्ण', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. १३३ ।। ६६६९. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, नेमिनाथ राजुल गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-चांपा ते रूपइ रूयडा... गा. ६', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ११३ ६६७०. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, नेमिनाथ शृङ्गार वैराग्य गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, __ १७वीं, 'आदि-कृपा अमूलिक कांचली रे... गा. ४', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. १२९ ६६७१. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, नेमिनाथ स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, - 'आदि–दीप पतंग तणी परइ सुपिया हो... गा. ६', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ११४ ६६७२. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, नेमिनाथ स्तवन, गीत स्तवन, सिन्धी, १७वीं, 'आदि-साहिब मइडा चंगि सूरति... गा. ९', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. १३२ ६६७३. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, पंच परमेष्ठि गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-जपउ पंच परमेष्ठि परभाति जाप... गा.६', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. २२१ ६६७४. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, पठन प्रेरणा गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-भणउ रे चेला भाई भणउ रे भणउ... गा. ५', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ४३६ ६६७५. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, पद्मावती आराधना, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, _ 'आदि-हिव राणी पदमावती... गा. ३५', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ५४७ ६६७६. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, पर प्रशंसा गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, ' 'आदि-हूं बलिहारी जाऊं तेहनी... गा. ७', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ४७४ ६६७७. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, परमेश्वर भेद गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, ... आदि-एक तूंही तूंही नाम जुदा मूंहि मूंहि... गा. १७', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ४४४ ६६७८. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, परमेश्वर स्वरूप दुर्लभ गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, ___ १७वीं, आदि-कुण परमेश्वर स्वरूप कहइ री... गा. ३', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ४४५ 487 खरतरगच्छ साहित्य कोश For Personal & Private Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org
SR No.016106
Book TitleKhartargaccha Sahitya Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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