SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 551
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ६५८७. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, जिनसिंहसूरि गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-सूयटा सोभागी कहि किहां सुगुरु दीठा... गा. ५', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ३९५ ६५८८. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, जिनसिंहसूरि चर्चरी गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, आदि-भोर भयउ भविक जीव... गा. २', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ३९७ ६५८९. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, जिनसिंहसूरि गीत चौमासा, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-श्रावण मास सोहामणो... गा. ४', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ३८४, ऐतिहासिक जैन काव्य संग्रह, पृ. १३० ६५९०. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, जिनसिंहसूरि गीत तिथिविचार, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-पड़िवा जिम मुनि बड़उ साहेलड़ी ए... गा. ५', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ४०२ ६५९१. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, जिनसिंहसूरि गीत बधावा, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-आज रंग बधामणां... गा. ६', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ३८३, ऐतिहासिक जैन काव्य संग्रह, पृ. १२८ ६५९२. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, जिनसिंहसूरि गीत वेली, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, आदि-श्री गोतम गुरु पाय नमी... गा.५', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ३७८, ऐतिहासिक जैन काव्य संग्रह, पृ. १२५ ६५९३. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, जिनसिंहसूरि गीत सवैया अष्टक, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, आदि-एजु लाहोर नगर वर पातिसाहि अकबर... गा.८', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ३९० ६५९४. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, जिनसिंहसूरि गीत हिंडोलना, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-सरसति सामिणि वीन... गा.५', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ३८०, ऐतिहासिक जैन काव्य संग्रह, पृ. १२७ ६५९५. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, जीव कर्म सम्बन्ध गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, . १७वीं, आदि-जीव नइ कर्म माहो मांहि सम्बन्ध... गा. २', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ४४२ ६५९६. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, जीव काया गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, - 'आदि-जीव प्रति काया कहइ... गा. ६', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ४४१ ।। ६५९७. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, जीव दया गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-हां हो जीव दया धरम बेलड़ी... गा. ३', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ४४७ ६५९८. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, जीव नटावा गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-देखि देखि जीव नटावइ... गा. ४', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ४२५ खरतरगच्छ साहित्य कोश 481 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016106
Book TitleKhartargaccha Sahitya Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy