SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 548
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ६५४६. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, जिनराजसूरि गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-श्रीपूज्य तुम्ह नइ वांदि चलतां हो... गा. ५', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ४०५ ६५४७. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, जिनराजसूरि गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-श्रीपूज्य सोम निजर करो... गा. ३', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ४०५ ६५४८. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, जिनसागरसूरि गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, ___'आदि-अइयो नंदनंदना, नंद नंदना... गा. ३', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ४१० ६५४९. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, जिनसागरसूरि गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-गुरु कुण जिनसागर सरिखउ री... गा. ३', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ४१० ६५५०. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, जिनसागरसूरि गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-जिनसागरसूरि गच्छपति गिरुयउ... गा. ३', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ४०९ . ६५५१. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, जिनसागरसूरि गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-जिनसागरसूरि गुरु भला ए... गा. ४', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ४१२ ६५५२. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, जिनसागरसूरि गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-धन दिन जिनसागरसूरि निरखी नयणा... गा. ३', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ४०८ ६५५३. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, जिनसागरसूरि गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-न्याति चउरासी निरखता रे... गा. ५', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ४१३ ६५५४. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, जिनसागरसूरि गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-पुण्य संजोगइ अम्हें सद्गुरु पाया... गा. ५', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ४१२ ६५५५. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, जिनसागरसूरि गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, ___ 'आदि-बहिनी आवउ मिलि वेलड़ी जी... गा. ५', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ४११ ६५५६. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, जिनसागरसूरि गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-मनडु मोहयुं रे माहरु... गा. ५', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ४१२ ६५५७. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, जिनसागरसूरि गीत, गीत स्तवनं, राजस्थानी, १७वीं, ___ 'आदि-वंदउ वंदउ रे श्रीजिनसागरसूरि वंदउ री... गा. ३', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ४११ ६५५८. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, जिनसागरसूरि गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-सखि जिनसागरसूरि साचउ... गा. ३', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ४०८ 478 खरतरगच्छ साहित्य कोश For Personal & Private Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org
SR No.016106
Book TitleKhartargaccha Sahitya Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy