SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 528
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ६२७२. विनयश्री / हुल्लासश्री, सज्झाय संग्रह, सज्झाय, राजस्थानी, २०वीं, मु. पुण्यश्री स्मारक ग्रन्थमाला, जयपुर ६२७३. विनयसमुद्र उ० / जिनमाणिक्यसूरि, ऋषभजिन स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'गा. २२', अ. ६२७४. विनयसागर उ० / सुमतिकलश पिप्पलक, राजगृह स्तव, गीत स्तवन, राजस्थानी, १६७०, ___ 'गा. २३', अ., ह. कांतिसागरजी संग्रह ६२७५. विनयसागर उ० / सुमतिकलश पिप्पलक, सम्मेतशिखर स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १६७०, 'गा. २०', अ., ह. कांतिसागरजी संग्रह ६२७६. विनयसागर महो० / जिनमाणिसागरसूरि, आदिनाथ स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, २१वीं, 'आदि-आदिनाथ जिनराज काटो भवपाश... गा. ३', मु., राइ-देवसि प्रतिक्रमण सूत्र ६२७७. विनयसागर महो० / जिनमाणिसागरसूरि, जिनकुशलसूरि स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, २१वीं, आदि-कुशलगुरु जैन शासन के सितारे... गा. ४', मु., दादागुरु भजनावली, पृ. ३६० ६२७८. विनयसागर महो० / जिनमाणिसागरसूरि, नेमिनाथ स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, २१वीं, 'आदि-गिरिनारि मण्डन शिवादेवी नन्दन... गा. ५', मु., राइ-देवसि प्रतिक्रमण सूत्र ६२७९. विनयसागर महो० / जिनमाणिसागरसूरि, पार्श्वनाथ स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, २१वीं, 'आदि-पुरिसादानी पारस रे... गा. ३', मु., राइ-देवसि प्रतिक्रमण सूत्र ६२८०. विनयसागर महो० / जिनमाणिसागरसूरि, पार्श्वनाथ स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, २१वीं, ___ 'आदि हे पार्श्वप्रभो मेरे दिल के विभो... गा. ४', मु., राइ–देवसि प्रतिक्रमण सूत्र ६२८१. विनयसागर महो० / जिनमाणिसागरसूरि, मङ्गल स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, २१वीं, 'आदि-भज भज भज मन जिनवर देवा... गा. ५', मु., राइ-देवसि प्रतिक्रमण सूत्र ६२८२. विनयसागर महो० / जिनमाणिसागरसूरि, महावीर स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, २१वीं, _ 'आदि-भक्तों के तारणहार... गा. ५', मु., राइ-देवसि प्रतिक्रमण सूत्र ६२८३. विनयसागर महो० / जिनमाणिसागरसूरि, शान्तिनाथ स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, २१वीं, 'आदि-ओ शान्ति जिनेश्वर शान्ति करो... गा. ३', मु., राइ–देवसि प्रतिक्रमण सूत्र ६२८४. विनयसागर महो० / जिनमाणिसागरसूरि, शीतलनाथ स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, ___२१वीं, 'आदि-मनवा शीतल जिनेन्द्र को भजलो... गा. ४', मु., राइ-देवसि प्रतिक्रमण सूत्र ६२८५. विनयसागर महो० / जिनमाणिसागरसूरि, सीमंधर स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, २१वीं, 'आदि-विदेह निवासी श्रीसंमंधर... गा. ४', मु., राइ-देवसि प्रतिक्रमण सूत्र ६२८६. विनयहर्ष वा. / ज्ञानसागरोपाध्याय, जिनकुशलसूरि स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-सखी री गुरु की... गा. ३', मु., दादागुरु भजनावली, पृ. ३६१ ।। 458 खरतरगच्छ साहित्य कोश Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016106
Book TitleKhartargaccha Sahitya Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy