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________________ ५६०१. महिमसमुद्र (जिनसमुद्रसूरि) / जिनचन्द्रसूरि बेगड़, चौवीस जिनवर गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं-१८वीं, आदि-चौवीसे जिनवर... गा. ४', अ., ह. जिनभद्रसूरि ज्ञान भं., जैसलमेर, गुटका नं. ४१५ ५६०२. महिमसमुद्र (जिनसमुद्रसूरि ) / जिनचन्द्रसूरि बेगड़, चौवीस जिन स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं-१८वीं, आदि–प्रणमु प्रभु वाणी... गा.७', अ., ह. जिनभद्रसूरि ज्ञान भं., जैसलमेर, गुटका नं. ४१५ ५६०३. महिमसमुद्र (जिनसमुद्रसूरि) / जिनचन्द्रसूरि बेगड़, चौवीस जिन स्तुति, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं-१८वीं, आदि–रिसह अजिय सम्भव... गा. ४', अ., ह. जिनभद्रसूरि ज्ञान भं., जैसलमेर, गुटका नं. ४१७ | ५६०४. महिमसमुद्र (जिनसमुद्रसूरि) / जिनचन्द्रसूरि बेगड़, जिनकुशलसूरि गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं-१८वीं, आदि--आज सखी मइं आणंद आयो... गा. ५', अ., ह. जिनभद्रसूरि ज्ञान भं., जैसलमेर, गुटका नं. ४१६ ५६०५. महिमसमुद्र (जिनसमुद्रसूरि ) / जिनचन्द्रसूरि बेगड़, जिनकुशलसूरि पद, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं-१८वीं, 'आदि-दादो दीपतो... गा. ५', अ., ह. जिनभद्रसूरि ज्ञान भं., जैसलमेर, गुटका नं. ४१७ ५६०६. महिमसमुद्र (जिनसमुद्रसूरि) / जिनचन्द्रसूरि बेगड़, जिनगुणप्रभसूरि गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं-१८वीं, 'आदि-गुरु जलधि जिम... गा. २', अ., ह. जिनभद्रसूरि ज्ञान भं., जैसलमेर, गुटका नं. ४१६ ५६०७. महिमसमुद्र (जिनसमुद्रसूरि) / जिनचन्द्रसूरि बेगड़, जिनगुणप्रभसूरि गुरु धमाल, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं-१८वीं, 'आदि-गरुबउ गच्छनायक... गा.५', अ., ह. जिनभद्रसूरि ज्ञान भं., जैसलमेर, गुटका नं. ४१६ . ५६०८. महिमसमुद्र (जिनसमुद्रसूरि ) / जिनचन्द्रसूरि बेगड़, जिनचन्द्रसूरि गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं-१८वीं, 'आदि-अड़वड़ियां बेगड़ो... गा. ३', अ., ह. जिनभद्रसूरि ज्ञान भं., जैसलमेर, गुटका नं. ४१७ ५६०९. महिमसमुद्र (जिनसमुद्रसूरि) / जिनचन्द्रसूरि बेगड़, जिनचन्द्रसूरि गीत, ऐतिहासिक गीत, राजस्थानी, १७वीं-१८वीं, आदि-आज वधावो माहरइ... गा. ७', अ., ह. जिनभद्रसूरि ज्ञान ___ भं., जैसलमेर, गुटका नं. ४१६ ५६१०. महिमसमुद्र (जिनसमुद्रसूरि) / जिनचन्द्रसूरि बेगड़, जिनचन्द्रसूरि गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं-१८वीं, 'आदि-गौतम गंगेव सारखौ... गा. ४', अ., ह. जिनभद्रसूरि ज्ञान भं., जैसलमेर, गुटका नं. ४१७ ५६११. महिमसमुद्र (जिनसमुद्रसूरि) / जिनचन्द्रसूरि बेगड़, जिनचन्द्रसूरि गीत, ऐतिहासिक गीत, ___ राजस्थानी, १७वीं-१८वीं, 'आदि-तूं छत्रपति जिन धर्म को... गा. ६', अ., ह. जिनभद्रसूरि ज्ञान भं., जैसलमेर, गुटका नं. ४१६ 408 खरतरगच्छ साहित्य कोश । Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016106
Book TitleKhartargaccha Sahitya Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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