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________________ ५०३१. ज्ञानसार उ० / रत्नराज उ०, सम्मेतशिखर तीर्थयात्रा स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, . १८४९, 'आदि-सेनूंजे साध अनंता सीधा... गा.७', मु., ज्ञानसार ग्रन्थावली; पृ. १२२ ५०३२. ज्ञानसार उ० / रत्नराज उ०, सवैया तेतीसा, गीत स्तवन, राजस्थानी, १९वीं, 'आदि-झल हल तो भानु किधुं... गा. १', अ. ५०३३. ज्ञानसार उ० / रत्नराज उ०, साधु सज्झाय बालावबोध मूल देवचन्द्रोपाध्याय, गीत स्तवन, राजस्थानी, १९वीं, मु. श्रीमद् देवचन्द्र, अध्यात्म ज्ञान प्रसारक मण्डल, पादरा ५०३४. ज्ञानसार उ० / रत्नराज उ०, सामान्य जिन स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी; १९वीं, आदि तुम हो दीनबन्धु दयाल... गा. ३', मु., ज्ञानसार ग्रन्थावली, पृ. १३० ५०३५. ज्ञानसार उ० / रत्नराज उ०, सामान्य जिन स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १९वीं, आदि मुख निरख्यो श्री जिन तेरो... गा. ४', मु., ज्ञानसार ग्रन्थावली, पृ. १३१ ५०३६. ज्ञानसार उ० / रत्नराज उ०, सामान्य जिन स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १९वीं, 'आदि वो सांई मो वीनति कैसे करूं... गा. ३', मु., ज्ञानसार ग्रन्थावली, पृ. १३०, . ५०३७. ज्ञानसार उ० / रत्नराज उ०, सामान्य जिन स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १९वीं, आदि सम विसमी अण जाणता रे... गा.७', मु., ज्ञानसार ग्रन्थावली, पृ. १२९ ५०३८. ज्ञानसार उ० / रत्नराज उ०, सिद्धाचल आदिजिन स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १८६९, आदि-आतम रूप अजाण न जाणूं निजपणुं... गा. २१', मु., ज्ञानसार ग्रन्थावली, पृ. १३४ ५०३९. ज्ञानसार उ० / रत्नराज उ०, सीमंधर जिन स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १९वीं, 'आदि सीमंधर की सरस सलूणी... गा. ३', मु., ज्ञानसार ग्रन्थावली, पृ. १३२ ५०४०. ज्ञानसार उ० / रत्नराज उ०, सैंतालिस बोलगर्भित चौवीसी, गीत स्तवन, राजस्थानी, १८७८, 'आदि-श्री परमातम परम गुरु..., अन्त-इम तव्या सैंतालीस बोलैं', अ., उ. जैन गुर्जर कविओ भाग-३, पृ. २७१ ५०४१. ज्ञानसार उ० / रत्नराज उ०, हीयाली बालावबोध, गीत स्तवन, राजस्थानी, १९वीं, मु., ज्ञानसार ग्रन्थावली, पृ. १७७ ५०४२. ज्ञानसार उ० / रत्नराज उ०, हेमदण्डक, गीत स्तवन, राजस्थानी, १८६२, 'आदि-जो ध्रुव अलख अमूरती... गा. १०८', अ., उ. जैन गुर्जर कविओ भाग-३, पृ. २६५ ५०४३. ज्ञानसुन्दर / अभयवर्द्धगणि, सूत्र कृताङ्ग सोलहवे अध्ययन सज्झाय, सज्झाय, राजस्थानी, १६९५, 'आदि-सिद्ध सवेनई करुं प्रणाम..., अन्त–अँद्री निधि रसि ससिहर... गा. ४१', अ., ह. उ. जैन गुर्जर कविओ भाग-३, पृ. १०५८, अभय ग्र., बीकानेर ५०४४. ज्ञानसुन्दर / कल्याणविजय, सवैया, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'गा. २०', अ., ह. अभय ग्र., बीकानेर 368 खरतरगच्छ साहित्य कोश For Personal & Private Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org
SR No.016106
Book TitleKhartargaccha Sahitya Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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