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________________ ४४६१. जिनसमुद्रसूरि (महिमसमुद्र)/जिनचन्द्रसूरि बेगड़, जिनप्रतिमा गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, ___ १७वीं-१८वीं, आदि–पर उपगारी जिनवर देव... गा. ४', अ., ह. अभय ग्र., बीकानेर ४४६२. जिनसमुद्रसूरि ( महिमसमुद्र) / जिनचन्द्रसूरि बेगड़, जिनाशय द्रुपद, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं-१७वीं-१८वीं, 'आदि-हमारै माई इण जिनवर सुं... गा. ४', अ., ह. अभय ग्र., बीकानेर ४४६३. जिनसमुद्रसूरि ( महिमसमुद्र ) / जिनचन्द्रसूरि बेगड़ , जिनेश्वरसूरि गीत, ऐतिहासिक, राजस्थानी, १७वीं-१८वीं, आदि-सुरि सिरोमणि गुणनिलो... गा. २०', मु., ऐतिहासिक जैन काव्य संग्रह, पृ. ३१४ ४४६४. जिनसमुद्रसूरि (महिमसमुद्र) / जिनचन्द्रसूरि बेगड़, जीव प्रतिबोध गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं-१८वीं, 'आदि-जीव रे तूं चेत... गा. ५', अ., ह. जिनभद्रसूरि ज्ञान भं., जैसलमेर, प्रति नं. १४८२ ४४६५. जिनसमुद्रसूरि (महिमसमुद्र) / जिनचन्द्रसूरि बेगड़, जीरायलि पार्श्वनाथ ६१ नाम गर्भित स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं-१८वीं, 'आदि-वीनती एक अवधारौ... गा. १४', अ., ह. जिनभद्रसूरि ज्ञान भं., जैसलमेर, गुटका नं. ४१५ ४४६६. जिनसमुद्रसूरि (महिमसमुद्र) / जिनचन्द्रसूरि बेगड़, जीरावला पार्श्वनाथ स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं-१८वीं, 'आदि-श्री जीरावला पासजी रे... गा. १४', अ., ह. जिनभद्रसूरि ज्ञान भं., जैसलमेर, प्रति नं. १४८१ ४४६७. जिनसमुद्रसूरि (महिमसमुद्र) / जिनचन्द्रसूरि बेगड़, जीरावला पार्श्वनाथ स्तवन, गीत :: स्तवन, राजस्थानी, १७वीं-१८वीं, 'गा. ११', अ. ४४६८. जिनसमुद्रसूरि (महिमसमुद्र) / जिनचन्द्रसूरि बेगड़, ज्ञान पंचमी स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं-१८वीं, आदि-म्हांको साहिबियो प्रभु सांचो... गा. १०', अ., ह. जिनभद्रसूरि, ज्ञान भं., जैसलमेर, प्रति नं. १४८१ ४४६९. जिनसमुद्रसूरि ( महिमसमुद्र) / जिनचन्द्रसूरि बेगड़, तम्बाकू परिहार गीत, गीत स्तवन, ___ राजस्थानी, १७वीं-१८वीं, 'आदि-ज्ञान तणी वाणी सुणो... गा. १२', अ., ह. जिनभद्रसूरि ज्ञान भं., जैसलमेर, गुटका नं. ४१५ ४४७०. जिनसमुद्रसूरि ( महिमसमुद्र) / जिनचन्द्रसूरि बेगड़, थंभण पार्श्वनाथ गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं-१८वीं, आदि-श्री थंभणपुर पास... गा.७', अ., ह. जिनभद्रसूरि ज्ञान भं., जैसलमेर, गुटका नं. ४१५ ४४७१. जिनसमुद्रसूरि ( महिमसमुद्र) / जिनचन्द्रसूरि बेगड़, नवकार मन्त्र पद, गीत स्तवन, .... राजस्थानी, १७वीं-१८वीं, आदि-जप रे जीव जाप जाप... गा. ३', अ., ह. कैलाशसागरसूरि ज्ञान मन्दिर, कोबा ६०३४ ४४७२. जिनसमुद्रसूरि ( महिमसमुद्र)/ जिनचन्द्रसूरि बेगड़, नेमिनाथ गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं-१८वीं, 'आदि-जिनवर सफल दरस थयो... गा. १२', अ., ह. जिनभद्रसूरि ज्ञान भं., जैसलमेर, गुटका नं. ४१५ 329 खरतरगच्छ साहित्य कोश For Personal & Private Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org
SR No.016106
Book TitleKhartargaccha Sahitya Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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