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________________ ३९७३. जिनकृपाचन्द्रसूरि / युक्तिअमृतगणि, महावीर स्वामी का पालणा, गीत स्तवन, गुजराती, १९७६ सूरत, 'आदि-सहियर वीर प्रभु नो जन्मोत्सव... गा. १२', मु., बृहद्स्तवनावली, पृ. २३३ ३९७४. जिनकृपाचन्द्रसूरि / युक्तिअमृतगणि, महावीर स्वामी २७ भव स्तवन, गीत स्तवन, हिन्दी, १९७६ सूरत, 'आदि-स्वस्ति श्री सम्पद करण... गा. ६६', मु., बृहद्स्तवनावली, पृ. २२३ ३९७५. जिनकृपाचन्द्रसूरि / युक्तिअमृतगणि, महावीर स्वामी स्तुति, गीत स्तवन, हिन्दी, २०वीं, 'आदि–वीर आषाढ़ सुदि छठी स्वर्गथी चविया ईश... गा. ४', मु., बृहद्स्तवनावली, पृ. ३९० ३९७६. जिनकृपाचन्द्रसूरि / युक्तिअमृतगणि, माया सज्झाय, सज्झाय, हिन्दी, २०वीं, 'आदि-माया विषवेलीविषवेली... गा. ८', मु., बृहद्स्तवनावली, पृ. ३२१ ३९७७. जिनकृपाचन्द्रसूरि / युक्तिअमृतगणि, रांदेर ऋषभजिन जीर्णचैत्य प्रतिष्ठा स्तवन, गीत स्तवन, हिन्दी, १९७४ रांदेर, 'आदि-ऋषभ चरण कज ध्यावो मन भंमरा... गा. १३', मु., बृहद्स्तवनावली, पृ. ३२४ ३९७८. जिनकृपाचन्द्रसूरि / युक्तिअमृतगणि, रोहिणी तप चैत्यवन्दन, गीत स्तवन, हिन्दी, २०वीं, 'आदि-वासुपूज्य जिनवर नमूं... गा. ४', मु., बृहद्स्तवनावली, पृ. ३९२ ३९७९. जिनकृपाचन्द्रसूरि / युक्तिअमृतगणि, रोहिणी तप सज्झाय, सज्झाय, हिन्दी, २०वीं, आदि चंपा नयरी जगमां दीपती रे... गा. ११', मु., बृहद्स्तवनावली, पृ. ३८२ . . ३९८०. जिनकृपाचन्द्रसूरि / युक्तिअमृतगणि, रोहिणी तप स्तवन, गीत स्तवन, हिन्दी, १९७८ झाबुआ, 'आदि-वर्धमान जिनवर नमि... गा. ४७', मु., बृहद्स्तवनावली, पृ. २३६ ३९८१. जिनकृपाचन्द्रसूरि / युक्तिअमृतगणि, लोभ सज्झाय, सज्झाय; हिन्दी, २०वीं, 'आदि-लोभ तजो भवि प्राणिया... गा. ६', मु., बृहद्स्तवनावली, पृ. ३२२ ३९८२. जिनकृपाचन्द्रसूरि / युक्तिअमृतगणि, लौद्रवा पार्श्वनाथ स्तवन, गीत स्तवन, हिन्दी, २०वीं, 'आदि-जीवन मारा तेवीसमा जिणचंद... गा.७', मु., बृहद्स्तवनावली, पृ. २५८ ३९८३. जिनकृपाचन्द्रसूरि / युक्तिअमृतगणि, लौद्रवा पार्श्वनाथ स्तवन, गीत स्तवन, हिन्दी, १९८२ लौद्रवा, 'आदि-श्री चिंतामणि पास जी मारा प्रभुजी हो राज... गा. १०', मु., बृहद्स्तवनावली, पृ. २५० ३९८४. जिनकृपाचन्द्रसूरि / युक्तिअमृतगणि, वासुपूज्य रोहिणी स्तुति, गीत स्तवन, हिन्दी, २०वीं, 'आदि वासुपूज्य जिनेसर वन्दु मन धरि नेह... गा. ४', मु., बृहद्स्तवनावली, पृ. ३८८ ३९८५. जिनकृपाचन्द्रसूरि / युक्तिअमृतगणि, वासुपूज्य स्तवन, गीत स्तवन, हिन्दी, २०वीं, 'आदि __ भवियण ध्यावो रे... गा. ५', मु., बृहद्स्तवनावली, पृ. १४७ ३९८६. जिनकृपाचन्द्रसूरि / युक्तिअमृतगणि, वासुपूज्य स्तुति, गीत स्तवन, हिन्दी, २०वीं, 'आदि वासुपूज्य जिन अन्तरजामी... गा. ४', मु., बृहद्स्तवनावली, पृ. ३२५ 294 खरतरगच्छ साहित्य कोश For Personal & Private Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org
SR No.016106
Book TitleKhartargaccha Sahitya Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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