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________________ ३००२. सुरसुन्दरी अमरकुमार रास, जिनोदयसूरि / जिनसुन्दरसूरि बेगड़, रास चौपई, राजस्थानी, १७६९, अन्त-संवत उगणोत्तर श्रावण मासे...', अ., उ. जैन गुर्जर कविओ भाग-२, पृ. १८६ ३००३. सुरसुन्दरी चरित्र, धनेश्वरसूरि / जिनेश्वरसूरि (जिनभद्रसूरि), काव्य, प्राकृत, १०९५ चन्द्रावती, 'अन्त-एसो विपुव्वसूइय... २५१', मु., यशोविजय जैन ग्रन्थमाला, वाराणसी ३००४. सुरसुन्दरी चौपई, मतिकुशलगणि / मतिवल्लभगणि, रास चौपई, राजस्थानी, १७३१, अ., ह. धरणेन्द्रसूरि संग्रह, जयपुर ३००५. सुरसुन्दरी रास, धर्मवर्द्धन उ० / विजयहर्ष उ०, रास चौपई, राजस्थानी, १७३६ बेनातट, 'आदिसासण जेहनो सवि हियै..., अन्त-संवत् सतर वरस छत्रीसइ...', अ., ह. अभय ग्र., बीकानेर, विनय. प्रतिलिपि, हरिसागरसूर ज्ञान भं., पालीताणा ३००६. सुसढ़चरित्र, लब्धिमुनि उ० / राजमुनि, कथा चरित्र, संस्कृत, २०वीं, अ., ह. खरतरगच्छ ज्ञान भं., माण्डवी, सदागम ट्रस्ट, कोडाय ३००७. सुसढ चौपई, समयनिधानोपाध्याय / ज्ञानलाभ उ० जिनसागरसूरिशाखा, रास चौपई, राजस्थानी, १७३१ अकबराबाद, अन्त-गुजर खंडनइ आगरइरे... गा. ४', अ., ह. खरतरगच्छ ज्ञान भं., जयपुर, सेठिया लाइब्रेरी, बीकानेर । ३००८. सुसढ रास, राजसोमोपाध्याय / जयकीर्ति उ० जिनसागरसूरि शाखा, रास चौपई, राजस्थानी, १८वीं, अ., ह. आचार्यशाखा ज्ञान भं., बीकानेर ३००९. सुसढ रास, समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, रास चौपई, राजस्थानी, १७वीं, अ., उ. जैन गुर्जर कविओ भाग-१, पृ. ३७० ३०१०. सूक्तिमुक्तावली, जिनवर्द्धनसूरि / जिनराजसूरि पिप्पलक, उपदेश, संस्कृत, १७३९ उदयपुर, अ., ह. सरस्वती ज्ञान भं., उदयपुर ३०११. सूक्तिरत्नावली स्वोपज्ञ टीका, क्षमाकल्याणोपाध्याय / अमृतधर्म उ०, सुभाषित, संस्कृत, १८४७ मकसूदाबाद, 'मूल का अन्त-श्रीमच्चंद्र कुलोत्तंसा..., टीका का अन्त–संवन्मुनि वेद वस्तु...', अ., ह. खरतरगच्छ ज्ञान भं., जयपुर, हरिसागरसूरि ज्ञान मन्दिर, पालीताणा, विनय. प्रतिलिपि, मु. ३०१२. सूक्ष्मार्थविचारसारोद्धार प्रकरण (सार्द्धशतक), जिनवल्लभसूरि / अभयदेवसूरि, प्रकरण, प्राकृत, १२वीं, 'आदि-सयलंतरारिवीरं वंदिय..., अन्त–जिणवल्लह-मणिलिहियं...', मु., जिनवल्लभसूरि ग्रन्थावली, पृ. १, सम्पादक - म० विनयसागर ३०१३. सूक्ष्मार्थविचारसारोद्धार टिप्पणक, रामदेवगणि / जिनवल्लभसूरि, प्रकरण, संस्कृत, १२वीं, अ., उ. गणधरसार्द्ध बृहवृत्ति, ह. हरिसागरसूरि ज्ञान भं., पालीताणा १४३१ ३०१४. सूत्रकृताङ्गसूत्र टीका दीपिका, साधुरङ्गोपाध्याय / भुवनसोम उ० आद्यपक्षीय, आगम, संस्कृत, १५९९ बरलू, मु., गौडी पार्श्वनाथ मन्दिर ज्ञान भं., बम्बई, ह. विनय. प्रतिलिपि, कैलाशसागरसूरि ज्ञान मन्दिर, कोबा ११४३३ 226 खरतरगच्छ साहित्य कोश .. Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016106
Book TitleKhartargaccha Sahitya Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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