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________________ २७०१. श्रीपालचरित्र हिन्दी अनुवाद (रत्नशेखरीय), विनयसागर म० / जिनमणिसागरसूरि, चरित्र, हिन्दी, २१वीं, मु., प्राकृत भारती अकादमी, जयपुर २७०२. श्रीपालचरित्र, लब्धिमुनि उ० / राजमुनि, कथा चरित्र, संस्कृत, १९९० बुज, 'आदि महावीरं महावीरं..., अन्त–श्रीमत्खरतरे गच्छे...', मु., जिनदत्तसूरि ज्ञान भं., बम्बई २७०३. श्रीपाल चौपई, गुणरत्नोपाध्याय / विनयसमुद्र उ०, रास चौपई, राजस्थानी, १७वीं, अ., ह. रा.प्रा.वि.प्र., जोधपुर २७०४. श्रीपाल चौपई, जिनहर्षगणि / शान्तिहर्षगणि, रास चौपई, राजस्थानी, १७४० पाटण, आदि श्री अरिहंत अनंत गुण..., अन्त–संवत सतरे से चालीसे...', मु., जिनदत्तसूरि ज्ञान भं., बम्बई, ह. विनय. प्रतिलिपि २७०५. श्रीपाल चौपई, तत्त्वकुमार / दर्शनलाभ सागरचन्द्रसूरिशाखा, रास चौपई, राजस्थानी, १९वीं, अ. २७०६. श्रीपाल चौपई, रघुपति उ० / विद्यानिधान उ०, रास चौपई, राजस्थानी, १८०६ घड़सीसर, 'आदि-अरिहंत सिद्ध नमी करी..., अन्त-संवत रस सिव सिद्ध ससी ए...', अ., उ. जैन गुर्जर कविओ भाग-३, पृ. ३२६ २७०७. श्रीपाल चौपई, रामचन्द्रगणि / पद्मरङ्गगणि, रास चौपई, राजस्थानी, १७३५ बीकमनयर, अ. २७०८. श्रीपाल रास लघु, जिनहर्षगणि / शान्तिहर्षगणि, रास चौपई, राजस्थानी, १७४२ पाटण, 'आदि-रिसहनाह पणइ रे जिणंद..., पाठान्तर-चोवीसे प्रणमुं जिनराय..., अन्त-श्रीपाल चरित्र निहालिनई...', अ., ह. हरिसागरसूरि ज्ञान भं., पालीताणा २७०९. श्रीपाल रास, महिमोदयगणि / मतिहंसगणि, रास चौपई, राजस्थानी, १७२२ जहाणावाद, 'आदि–पर उपगारी परम गुरु..., अन्त–गरुआनां गुण मनि शुद्ध गाईये...', अ., ह. हीराचन्द्रसूरि संग्रह, बनारस २७१०. श्रीपाल रास, रत्नलाभोपाध्याय / क्षमारङ्गगणि, रास चौपई, राजस्थानी, १६६२, 'आदि चउवीसे जिनवर मनि ध्याई..., अन्त–संवत सोलसई बासठ वरसइ...', अ., उ. जैन गुर्जर कविओ भाग-३, पृ. ८९१, ह. अभय ग्र., बीकानेर २७११. श्रीपाल रास, लालचन्दगणि / रत्नकुशल उ०, रास चौपई, राजस्थानी, १८३७ अजीमगंज, 'आदि-स्वस्ति श्री दायक सदा..., अन्त-भाखे वीर जिणेसर वाणी...', अ., ह. अभय ग्र., बीकानेर २७१२. श्रीमति रास, जिनहर्षगणि / शान्तिहर्षगणि, रास चौपई, राजस्थानी, १७६१ पाटण, अ., रामलालजी संग्रह, बीकानेर २७१३. श्रीमती चौढालिया, धर्मवर्द्धन उ० / विजयहर्ष उ०, रास चौपई, राजस्थानी, १८वीं, आदि खीर खांड मिलीया खरा..., अन्त–सीले सुख सदा लहै ए... १८', मु., धर्मवर्द्धन ग्रन्थावली, पृ.३१८ 204 खरतरगच्छ साहित्य कोश Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016106
Book TitleKhartargaccha Sahitya Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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