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________________ २४७०. वीरायु ७२ वर्ष स्पष्टीकरण, रामविजयोपाध्याय / दयासिंह उ०, चरित्र, राजस्थानी, १८३७ मेड़ता, अ. २४७१. वीस विहरमान स्तोत्र (षटपत्तनालङ्करण), तरुणप्रभसूरि / जिनचन्द्रसूरि, स्तोत्र, अपभ्रंश, १५वीं, 'आदि-सिद्धते पढमाणुओगकहिए..., अन्त–इय वीस जिणवर नमिर... गा. २५', अ., ह. विजय धर्मलक्ष्मी ज्ञान मन्दिर, आगरा २४७२. वीसविहरमान माता-पितानाम गर्भित स्तोत्र, लक्ष्मीवल्लभोपाध्याय / लक्ष्मीकीर्ति उ०, स्तोत्र, संस्कृत, १८वीं, 'गा. १९', अ. २४७३. वीसस्थानक पुण्यविलास रास, जिनहर्षगणि / शान्तिहर्षगणि, रास चौपई, राजस्थानी, १७४८ पाटण, आदि-सकल सिद्धि संपति करण..., अन्त-ग्रन्थ विचारामृत संग्रही...', अ., रा.प्रा.वि.प्र., जोधपुर २६५३१, हरिसागरसूरि ज्ञान भं., पालीताणा २४७४. वीसस्थानक स्तुति, देवचन्द्रोपाध्याय / दीपचन्द्र उ०, स्तोत्र, संस्कृत, १८वीं, अ. २४७५. वृत्तरत्नाकर टीका, समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, छन्द शास्त्र, संस्कृत, १६९४ जालौर, 'अन्त–संवति विधि मुख निधि... गा. १३००', अ., ह. विनय. प्रतिलिपि, अभय ग्र., बीकानेर २४७६. वृत्तरत्नाकर टिप्पण, क्षेमहंसगणि / जिनभद्रसूरि, छन्दशास्त्र, संस्कृत, १६वीं, अ., ह. रा.प्रा.वि.प्र., जोधपुर २४७७. वृतरत्नाकर बालावबोध, मेरुसुन्दरोपाध्याय / रत्नमूर्ति उ०, छन्द, राजस्थानी, १६वीं, अ., . ह. रा.प्रा.वि.प्र., जोधपुर, गधैया संग्रह, सरदारशहर २४७८. वृतप्रबोध, जिनप्रबोधसूरि / जिनेश्वरसूरि द्वि., छन्दशास्त्र, संस्कृत, १४वीं, अ., खरतरगच्छ बृहद् गुर्वावली, पृ. ५७ २४७९. वृद्धाचार्य प्रबन्धावली, ?, गुर्वावली, प्राकृत, १५वीं, 'आदि-अहन्नाया कयाई सिरिवद्धमाणसूरिआयरिया..', मु., खरतरगच्छ बृहद् गुर्वावली, प्राकृत भारती अकादमी, जयपुर २४८०. वेट्थपदविवेचन, समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, व्याकरण, संस्कृत, १६८४ बीकानेर, अ. २४८१. वेताल पच्चीसी, हेमाणंदगणि / हीरकलश उ०, रास चौपई, राजस्थानी, १६४६, आदि प्रणम्य देवदेवंच..., अन्त–साहसवंत निरखी नृपराई...', अ., उ. जैन गुर्जर कविओ भाग-१, पृ. २८८ २४८२. वैद्यजीवन स्तबक, चैनसुख / लाभनिधान उ०, आयुर्वेद, राजस्थानी, १९वीं, अ., ह. ज्ञान भं., फतहपुर २४८३. वैद्यजीवन स्तबक, सुमतिधीर / ज्ञानविलास, आयुर्वेद, राजस्थानी, १९वीं, अ., ह. ज्ञान भं., चूरू १८४१ लिखित 187 खरतरगच्छ साहित्य कोश For Personal & Private Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org
SR No.016106
Book TitleKhartargaccha Sahitya Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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