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________________ २४२७. विपाकसूत्र संधि, धर्ममेरुगणि / चरणधर्मगणि, आगम, राजस्थानी, १७वीं, अन्त–संवत __ मनु लोचन सई...', अ., ह. मोहन विजय पाठशाला श्रीमालीसंघ, जामनगर, पत्र ३१ . २४२८. विमल-यमल स्तुति टीका, समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, स्तोत्र, संस्कृत, १७वीं, अ., ह. अभय ग्र., बीकानेर २४२९. विवाहपटल अर्थ, विद्याहेमगणि / क्षमामाणिक्यगणि, ज्योतिष, राजस्थानी, १८३०, अ., ह. वर्द्धमान - बड़ा ज्ञान भं., बीकानेर २४३०. विवाहपटल बालावबोध, अमर / सोमसुन्दर, ज्योतिष, राजस्थानी, १८वीं, अ., ह. अभय ग्र., बीकानेर २४३१. विवाहपटल भाषा, अभयकुशलगणि / पुण्यहर्षगणि, ज्योतिष, राजस्थानी, १८वीं, अन्त– पुन्यहरष वाचक परगडा...', अ., ह. अभय ग्र., बीकानेर २४३२. विवाहपटल भाषा, रामविजयोपाध्याय / दयासिंह उ०, ज्योतिष, राजस्थानी, १८वीं, अ., ___ ह. अभय ग्र., बीकानेर, उ. जैन गुर्जर कविओ भाग-३, पृ. ३२४ . २४३३. विविधतीर्थकल्प, जिनप्रभसूरि / जिनसिंहसूरि, ऐतिहासिक कल्प, प्राकृत-संस्कृत, १३८९ दिल्ली, आदि-देव श्रीपुण्डरीकाख्य..., अन्त-आदितः सर्वकल्पेषु...', मु., सिंघी जैन ग्रन्थमाला शान्ति निकेतन २४३४. विविध प्रश्नोत्तर १, ज्ञानसारोपाध्याय / रत्नराज उ०, प्रश्रोत्तर, राजस्थानी, १९वीं, मु., ज्ञानसार ग्रन्थावली, पृ. ३५७ २४३५. विविध प्रश्नोत्तर २, ज्ञानसारोपाध्याय / रत्नराज उ०, प्रश्नोत्तर, राजस्थानी, १९वीं, मु., ज्ञानसार ग्रन्थावली, पृ. ४०८ २४३६. विविध रत्नाकर प्रश्नोत्तर, जयसोमोपाध्याय / प्रमोदमाणिक्य उ०, प्रश्नोत्तर, संस्कृत, १६५७, अ., ह. सदागम ट्रस्ट, कोडाय २४३७. विंशतिपदप्रकाश, शिवचन्द्रोपाध्याय / पुण्यशील उ०, काव्य, संस्कृत, १९वीं, अ., ह. बालचन्द्र संग्रह रा.प्रा.वि.प्र., चित्तौड़ २४३८. विंशतिस्थानक चैत्यवन्दनविशतिका, लब्धिमुनि उ० / रालमुनि, स्तोत्र, संस्कृत, २००५ जयपुर, 'आदि-जगत्स्तव्यं जगद्वन्द्यं... गा. ६८', मु., लब्धि कृतिसन्दोह, पृ. २९-३७, जिनदत्तसूरि ज्ञान भं., बम्बई २४३९. विंशतिस्थानक स्तुतयः, लब्धिमुनि उ० / राजमुनि, स्तोत्र, संस्कृत, 'आदि भूतानागतवर्तमानसमये... गा. २२', मु., लब्धि कृतिसन्दोह, पृ. ३७-४२, जिनदत्तसूरि ज्ञान भं., बम्बई २४४०. विंशिका, जिनदत्तसूरि / जिनवल्लभसूरि, स्तोत्र, संस्कृत, १२वीं, 'आदि-इतोऽप्यभय देवाख्यसूरेः..., अन्त–कृताङ्गि गणभद्रेण...', मु., युगप्रधान जिनदत्तसूरि, प्राकृत भारती अकादमी, जयपुर 184 खरतरगच्छ साहित्य कोश Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016106
Book TitleKhartargaccha Sahitya Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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